मज़हब और दहशतगर्दी दोनों का कोई रिश्ता नही पर ज़ोर देते हुए , भारत की वज़ीरे खारज़ा सुषमा स्वराज ने अरब मुवालिको का दहशतगर्दी की लड़ाई में साथ माँगा ताकि दहशतगर्दी से दुनिया को निजात मिले ,उनका कहना था जो चुपचाप दहशतगर्दो का साथ दे रहे है उनपे कार्यवाही की जाये .
सुषमा स्वराज ने Arab-India Cooperation Forum पर बोलते हुए कहा कि “दहशतगर्द मज़हब का इस्तेमाल करते है लेकिन ऐसे लोग सभी मज़हब को मानने वालो को नुक्सान पंहुचा रहे है .”
वज़ीरे खारज़ा सुषमा ने पूरी दुनिया के लिए भारत के अनेकता में एकता के माडल को नज़ीर बताया .
वज़ीरे खारज़ा सुषमा ने आगे बोलते हुए कहा “मेरे मुल्क के हर कोने में, Azaan की आवाज़ , चर्च , गुरुद्वारे की गड़गड़ाहट के साथ क हनुमान मंदिर की घंटी की झंकार सुनाई देती है “
वज़ीरे खारज़ा सुषमा स्वराज ने अपनी तक़रीर में क़ुरान की आयत का भी ज़िक्र किया ला इकरा फी अल दींन (मज़हब में ज़बरदस्ती नहीं है )और ला कुम दीं ओ कुम वा इल या दींन (मेरा मज़हब मेरे लिए ,तेरा मज़हब तेरे लिए )