रफ़ाह, (ग़ाज़ा पट्टी), 08 दिसंबर (ए पी) हमास के ख़ुद साख़ता जिलावतन सरबराह अपने अव्वलीन दौरा पर यहां आमद के मौक़े पर अशकबार हो गए। ख़ालिद मशाल का ये अव्वलीन दौरा ग़ाज़ा पट्टी था। इनका ये तारीख़ी दौरा अस्करीयत पसंद ग्रुप की बढ़ती हुई बैन-उल-अक़वामी मक़बूलियत और इसराईल के ख़िलाफ़ उसकी मुज़ाहमत की मक़बूलियत का अक्कास है।
खालिद मशाल बचपन में ही मग़रिबी किनारे से रवाना हो गए थे। उन्होंने इस्लामी अस्करीयत पसंद तहरीक की क़तर में मुक़ीम रहते हुए रहनुमाई की। मिस्री सरहद पार करते ही उन्होंने ग़ाज़ा पट्टी की ज़मीन को बोसा दिया। हमास के ओहदेदारों और नुमाइंदों की कसीर तादाद ने इनका ख़ौरमक़दम किया।
56 साला ख़ालिद मशाल का ग़ज़ा पट्टी के महलूक अस्करीयत पसंदों के बच्चों ने फ़ौजी वर्दी में इस्तेक़बाल किया। हमास के हज़ारों हामी सड़कों पर क़तार बांधे खड़े हुए थे, जबकि वो वज़ीर-ए-आज़म इस्माईल हानिया (Ismail Haniyeh) की कार में अवाम की तरफ़ हाथ हिलाते और फ़तह की अलामत दिखाते हुए ग़ाज़ा पट्टी में दाख़िल हुए।
इनका ये दौरा मशरिक़-ए-वुसता में तबदील शूदा माहौल की एक झलक है और इससे तवाज़ुन इक़तिदार ( शासन) का अस्करीयत पसंद ग्रुप और अक़्वाम की सिम्त झुका कर इज़हार करता है। हमास को बुनियाद परस्त इख़वान अलमुस्लिमीन की ताईद हासिल है, जिसके बाहर इन्क़िलाब ने पूरे आलम अरब ख़ास तौर पर मिस्र में इन्क़िलाबी तबदीली लाई है।
इसराईल, अमेरीका और योरोपी यूनीयन के साथ हमास को एक दहशतगर्द तंज़ीम क़रार दे चुका है, क्योंकि इसने इसराईल पर ख़ुदकुश बम हमले कई बार किए हैं।