युवा महिलाओ की तसवीरें और हिब्रू भाषा का प्रयोग कर, फिलीस्तीनी गुट हमास ने हज़ारो की संख्या में इज़राइली सैनिकों से ऑनलाइन बातें करी और उनके फ़ोन के कैमरे और माइक्रोफोनों पर नियंत्रण पाने की कोशिश की, सेना ने बुधवार को बताया।
एक अधिकारी जिसने कथित घोटाले पर संवाददाताओं को जानकारी दी उसने कहा की इस घटना से किसी बड़े रहस्य का पर्दाफाश नहीं हुआ है|
हमास के प्रवक्ता ने अब तक किसी भी प्रकार की टिप्पणी नहीं करी है, रायटर ने बताया।
अधिकारी ने कहा की, फेसबुक का इस्तेमाल करते हुए हमास ने ऑनलाइन फ़र्ज़ी पहचान बनायीं और उसमे जवान महिलाओ की तस्वीरे लगा दी, ताकि वे सैनिको को रिझा सके।
“एक सेकंड, मैं आपको अपनी एक तस्वीर भेजती हूँ “, एक “महिला” ने लिखा।
“ठीक है, हा हा”, सैनिक ने कहा और उसके बाद उस सैनिक के सामने बिकनी में एक गोरी युवती की तस्वीर सामने आयी।
इसके बाद उस ‘महिला’ ने उस सैनिक को एक विडियो चैट के लिए एक ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा।
अधिकारी ने कहा कि यह सभी सैनिक सबसे कम रैंकिंग के थे और हमास की दिलचस्पी विशिष्ट रूप से इज़राइली सेना के युद्धाभ्यास और गाज़ा क्षेत्र में हथियारों के बारे में जानकारी एकत्र करने की थी।
सेना को हैकिंग के बारे मे तब पता चला जब सैनिकों ने सामाजिक नेटवर्क पर अन्य संदिग्ध ऑनलाइन गतिविधियों को रिपोर्ट किया और पता चला की सैनिकों को निशाना बनाने के लिए इस समूह ने कई फ़र्ज़ी पहचान बनायीं हुई हैं।
इस खुलासे के बाद आईडीएफ ब्लॉग ने अपने सैनिकों को यह सलाह दी :
जब आपका फ़ोन इस्तेमाल मे नहीं है तब आप आपना जीपीएस अगर बंद कर दे तो उससे आपको निशाना बनाना मुश्किल हो जायेगा और उन्ही लिंको को खोले जो विश्वसनीय लोगो से आये हों, बोल्ग में लिखा था।
अगर आपको कुछ भी गड़बड़ लग रही है, जैसे अस्वाभाविक विषय पंक्ति के साथ एक ईमेल तो उसे डाउनलोड नहीं करे और ना ही उसे खोले ।उन्हीं लोगो को सोशल मिडिया पर मित्र बनाये जिनसे आप पहले मिल चुके हो।