मुल्ला उमर की रहलत के ऐलान के बाद अफ़्ग़ान तालिबान में क़ियादत के मसले पर बोहरान पैदा हो गया था। जहां चंद रोज़ पहले इन इख़तिलाफ़ात के ख़ातमे की नवीद थी, वहां अब एक धड़े का कहना है कि तालिबान दो ग्रुपों में तक़सीम हो सकते हैं।
बीस सितंबर हफ़्ते के रोज़ तालिबान रहनुमा मुल्ला अब्दुल मन्नान नियाज़ी ने बताया है कि तालिबान के मौजूदा लीडर मुल्ला मंसूर अख़्तर और उन के मुख़ालिफ़ कमांडरों के दरमयान होने वाले मुज़ाकरात नाकाम हो गए हैं।
मुल्ला अब्दुल मन्नान नियाज़ी तालिबान के मौजूदा लीडर मुल्ला अख़्तर मंसूर के मुख़ालिफ़ ग्रुप के तर्जुमान हैं। ये अमर अहम है कि तालिबान के रहनुमा मुल्ला उमर के इंतिक़ाल की ख़बर आम होने के बाद से तालिबान, क़ियादत के हस्सास मुआमले पर मुनक़सिम दिखाई देते हैं।
न्यूज़ एजेंसी रोइटर्स ने पाकिस्तानी शहर पिशावर से अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि मुल्ला मंसूर के मुख़ालिफ़ नुमायां कमांडरों में मिला अब्दुल क़य्यूम ज़ाकिर, मुल्ला हसन रहमानी, मुल्ला मुहम्मद रसूल और मुल्ला अबदूर्रज़्ज़ाक़ नुमायां हैं।
मुल्ला ज़ाकिर अमरीकी जेल गोआनतानामो बे में क़ैद रह चुके हैं जबकि मुल्ला मुहम्मद रसूल और मुल्ला हसन रहमानी के अपने अपने मज़बूत अड्डे हैं। मुल्ला अबदूर्रज़्ज़ाक़ तालिबान हुकूमत के वज़ीरे दाख़िला थे।