हम आज़ाद हैं, आरएसएस का कोई दबाव‌ नहीं

नई दिल्ली

मर्कज़ी वज़ीर नितिन गडकरी ने कहा कि मोदी हुकूमत पर आर एस इस का कोई दबाव‌ है और ना ही वो कोई हिदायत देती है। काबीना में वुज़रा को अपना नुक़्ता-ए-नज़र पेश करने की मुकम्मल आज़ादी है। उन्होंने आरएसएस सरबराह मोहन भगवत से बाज़ सीनियर‌ वुज़रा की हालिया मुलाक़ात की अहमियत को घटाते हुए कहा कि हिंदूतवा तंज़ीम को क़ौमी सलामती और तालीम के मामलात में दिलचस्पी है,

साबिक़ बी जे पी सदर जो कि आर एस एस के बिलकुल करीब है, कहा कि आर एस एस क़ाइदीन के साथ मुलाक़ात के दौरान बहुत ही कम सियासी उमूर पर तबादला-ए-ख़्याल किया जाता है चूँकि ये मुलाक़ातें एक के बाद एक होती मोहन भगवत मुलाक़ात के ख्वाहिशमंदों से ही मुलाक़ात करते हैं और वो सिर्फ़ आर एस एस हेडक्वार्टर नागपुर में क़ियाम पज़ीर रहते हैं।

ये निशानदेही करते हुए मनोहर पर्रीकर ,राजनाथ सिंह और वो ख़ुद (गडकरी) आरएसएस‌ के रुकन हैं। मोहन भगवत से मुलाक़ात कर के मुख़्तलिफ़ मसाइल पर बात चीत करते हैं लेकिन इन मुलाक़ातों के बारे में मीडिया जो कुछ भी पेश करता है एक फ़ीसद भी सच्चाई नहीं होती।

उन्होंने कहा कि में एक संघ‌ कारकुन हूँ और एसा कहने में ख़ौफ़ज़दा नहीं हूँ और संघ‌ मेरी ज़िंदगी के उसूलों का हिस्सा है। पारेकर और राजनाथ सिंह भी तंज़ीम के कारकुन हैं लेकिन सिंह ने हम पर कभी दबाव‌ डाला है और ना ही कोई हिदायत दी है और मुलाक़ात में बहुत ही कम सियासी उमूर पर बात चीत की जाती है। उन्हों ने इन इत्तेलाआत को मज़हका ख़ेज़ क़रार दिया कि बाज़ बी जे पी लीडरों ने वज़ीर-ए-आज़म नरेंद्र मोदी की कारकर्दगी के ख़िलाफ़ आर एस एस से शिकायत की है।