हम चाहते हैं कि पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी की हत्या के मामले में सऊदी अरब तुर्की को सहयोग करे- ब्रिटेन

ब्रिटेन के विदेश मंत्री ने यमन जंग के जारी रहने और पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी की हत्या के मामले के स्पष्ट न होने की आलोचना की।

ब्रितानी विदेश मंत्री जेरमी हंट ने कहा है कि यमन में जंग का जारी रहना और सऊदी अरब के आलोचक पत्रकार जमाल ख़ाशुक़जी की हत्या का मामला अब तक स्पष्ट न होना स्वीकार्य नहीं है।

अलजज़ीरा के अनुसार, जेरमी हंट ने एक बयान में कहा कि लंदन चाहता है कि सऊदी अरब ख़ाशुक़जी की हत्या के मामले में तुर्की के साथ सहयोग करे।

हंट ने यमन के ख़िलाफ़ सऊदी अरब की जंग के बारे में कहाः “यमन में जानी नुक़सान बयान से बाहर है और जंग की वजह से यमन में दसियों लाख लोग बेघर हुए और उन्हें भुखमरी तथा बीमारी फैलने का सामना है, इसलिए इस संकट का एकमात्र हल जंग रोकने और शांति की स्थापना के लिए राजनैतिक फ़ैसला लेना है।”

हंट का यह बयान सोमवार को उनके सऊदी अरब और यूएई के दौरे के अवसर पर सामने आया है।

ब्रितानी विदेश मंत्री का कहना है कि वह रियाज़ और अबू ज़हबी जा रहे हैं ताकि यमन जंग को रुकवाने और ख़ाशुक़जी हत्या के मामले में सऊदी अरब और यूएई के अधिकारियों से बात करें।

ब्रिटेन यमन जंग में रियाज़ और अबू ज़हबी के मुख्य समर्थकों में रहा है और वह इन दोनों देशों को हथियार सप्लाई करने वालों में मुख्य रूप से आगे आगे रहा है। सऊदी अरब और यूएई ने अमरीका और ब्रिटेन सहित कुछ पश्चिमी देशों के समर्थन से मार्च 2015 से यमन पर हमला शुरु किया और इस देश की ज़मीनी, हवाई और समुद्री नाकाबंदी कर रखी है।

यमन पर सऊदी अरब और उसके घटकों के हमलों में अब तक 14000 से ज़्यादा यमनी हताहत, दसियों हज़ार घायल और दसियों लाख बेघर हुए हैं।

साभार- ‘parstoday.com’