हरम शरीफ़ के ख़ारिजी सेहनों में ठंडा रहने वाला संग मरमर लगाया जाएगा

हरम शरीफ़ के ख़ारिजी सहनों में ठंडा रहने वाला संग मरमर लगाया जा रहा है। ये वही संग मर मर है जो अब तक सिर्फ मताफ़ में लगा हुआ था। दोपहर में ख़ुसूसन मौसम-ए-गर्मा के दौरान ज़ाइरीन हरम , मोतमरीन और हज के आज़मीन को ख़ारिजी सहनों से गुज़रते हुए ज़हमत होती थी ।हरम शरीफ़ के ख़ारिजी सेहनों में ठंडा रहने वाला संगमरमर लगाया जा रहा है।

ये वही संग मर मर है जो अब तक सिर्फ मताफ़ में लगा हुआ था। दोपहर में ख़ुसूसन मौसम-ए-गर्मा के दौरान ज़ाइरीन हरम , मातमरीन और हज के आज़मीन को ख़ारिजी सहनों से गुज़रते हुए ज़हमत हुआ करती है क्योंकि वहां नसब पत्थर धूप जज़ब करने कीवजह से बहुत ज़्यादा गर्म होजाता है जिस से जोयुफ़ुर्रह्मान को तकलीफ़ होती है।

नया पत्थर मुनफ़रिद नौईयत का है। इसके नसब किए जाने पर जोयु फ़ुर्रह्मान मौसिम-ए-गर्मा में शदीद गर्मी से महफ़ूज़ रहेंगे जबकि रात के वक़्त पत्थर का दर्जा हरारत मुतवाज़िन रहेगा और सख़्त सर्दी में भी इंतिहा दर्जा सर्द नहीं होगा। ये पत्थर सिर्फ़ यूनान में पाया जाता है।

सऊदी हुक्काम ने इस का सारा ज़ख़ीरा हरमैन शरीफ़ैन के लिए ख़रीद लिया है। सैकड़ों कारकुन-ओ-इनजिनयर्स ख़ारिजी सेहनों में पत्थर नसब करने पर ताय्युनात किए गए हैं।