हरम शरीफ़ की ज़बरदस्त तौसी-ओ-तामीर

हैदराबाद 27 । फरवरी: अक़्ता आलम के मुसलमानों की इज़्ज़त आबरू जान-ओ-माल की हिफ़ाज़त के लिए इमाम खाने काबा क़ारी अबदुर्रहमान सुदेस ने नमाज़ जुमा से पहले बारगाह रब उलाइज़त में जहां एक तरफ़ दुआगो हुए वहीं दूसरी तरफ़ मुल्क शाम की सलामती के लिए भी दुव की ।

इमाम खाने काबा नमाज़ जुमा से पहले लाखों आज़मीन उमरा से मुख़ातिब करते हुए उन्हें ख़ुश नसीब क़रार दिया जो अल्लाह के मेहमान बने हुए हैं। नमाज़ जुमा से दो घंटे पहले ख़ाने काबा के अतराफ़ और मस्जिद हरम शरीफ़ के चारों हिस्से नमाज़ियों से पर होचुके थे।

मस्जिद हरम शरीफ़ का बैरूनी अतराफ़ का सहन और इस हरम शरीफ़ से जोड़ने वाले तमाम शाहराह पर दूर दूर एक इंसानी सरों का समुंद्र नमाज़ जुमा के मौके पर बारगाह इलाही में सजदा रेज़ हुआ । ज़ाइद अज़ 20 लाख अफ़राद को इमाम काबा ने नमाज़ पढ़ाई । इस मौके पर इमाम काबा ने जहां अरबी ज़बान में गुफ़्तगु की वहीं उर्दू में तर्जुमा किया गया ।

इमाम काबा ने कहा कि ख़ादिम हरमीन शरीफ़ शाह अबदुल अज़ीज़ ने आज़मीन हज-ओ-उमरा को मुकम्मल सहूलत फ़राहम करने की ग़रज़ मुख़्तलिफ़ तरमीमी और तामीराती कामों को अंजाम दे रहे हैं ।

मस्जिद हरम शरीफ़ के बैरूनी हिससे में मदीना मुनव्वरा मस्जिद ऎ नबवि(PBUH) के अहाते की तर्ज़ पर एलेक्ट्रॉनिक छतरियां 40X40 फिट चौड़ाई वाले धूप की शिद्दत से नमाज़ियों को महफ़ूज़ रखने की ग़रज़ अनक़रीब नसब किए जाएंगे। वाज़िह रहे कि मदीना मुनव्वरा मस्जिद ए नबवि(PBUH)में 500 एलेक्ट्रॉनिक छतरियां लगाए गए हैं जो सुबह नमाज़-ए-फ़ज्र के बाद खोले जाते हैं और बाद नमाज़ अस्र बंद किए जाते हैं ।

तमाम छतरियों का ताल्लुक़ एक ही बटन से है जो एक ही वक़्त में तमाम खुलते और बंद हुआ करते हैं। ख़ाने काबा का मशरिक़ी हिस्सा जहां मस्जिद हरम शरीफ़ के क़दीम ढांचा को मुनहदिम करते हुए मताफ़ के हिससे में तौसी की जा रही है। सफ़ा मर्वा की तरफ् तकरीबन 200 फिट तामीरी काम शुमाल ता जुनूब की सिम्त तेज़ी के साथ जारी है , जहां तीन मरहलों में काम करने वाले इंजिनियरस , क्रेन आपरेटर्स , कारीगरों के अलावा मज़दूर पेशा अफ़राद सिर्फ़ नमाज़ के औक़ात पर काम को बंद करदेते हैं बादअज़ां रात और दिन तामीरी काम का सिलसिला बरक़रार है।

हर शिफ़्ट में 700 अफ़राद काम अंजाम दे रहे हैं। मस्जिद हरम शरीफ़ के जदीद तामीराती काम में दो अदद बुलंद मीनार जुनूब की सिम्त तकरीबन मुकम्मल होते हुए दिखाई दे रहे हैं जबके मज़ीद चारमीनार दीगर सिम्त में तामीर किए जाएंगे। तामीराती काम माह रमज़ान उल-मुबारक से पहले मुकम्मल कर लिया जाएगा ।

बड़े पैमाने पर चलने वाले तामीराती काम से किसी भी आज़मीन उमरा को कोई दुशवारी नहीं होरही है । ज़मीन की सतह से बुलंद पर्दों का अहाता करदिया गया है । मस्जिद हरम शरीफ़ की जदीद तामीरी मंज़िल पर 100 फिट ऊंचाई पर ज़रूरी एशिया फ़राहम करने वाले एक दर्जन क्रेन ख़िदमात अंजाम दे रहे हैं।

इमाम काबा पांचों नमाज़ ख़ाने काबा के दरवाज़ा के बाज़ू खड़े होकर पढ़ाया करते हैं जबके उन के अतराफ़ पुलिस का सख़्त पहरा हुआ करता है । इमाम काबा गेट नंबर (1) से सख़्त पुलिस हिफ़ाज़ती दस्ता के दरमियान ख़ाना काबा की शुमाल से मग़रिब और जुनूब की सिम्त होते हुए मशरिक़ी हिस्से में बाजमाअत नमाज़ अदाएगी की ख़ातिर तशरीफ़ लाते हैं । दु

निया के मुख़्तलिफ़ मुक़ामात से हर रोज़ सैंकड़ों अफ़राद पर मुश्तमिल आज़मीन उमरा के क़ाफ़िला मक्का मुअज़्ज़मा को जहां एक तरफ़ आते हैं वहीं दूसरी तरफ़ अपनी मीयाद की तकमील के बाद वापसी के मुनाज़िर भी देखे जाते हैं।

शम्मा मुहम्मदी (PBUH) के लाखों परवानों को नमाज़ में सहूलत फ़राहम करने की ख़ातिर फ़ौरी दूसरी मंज़िल जहां एक ख़ुसूसी चैंबर बना हुआ है तक्बीर के फ़राइज़ अंजाम दिया करते हैं।

8 फरवरी को नमाज़ इशराक़ के बाद ख़ाने काबा के मीआर वक़्त के मुताबिक़ 7.03 बजे बारिश के लिए ख़ुसूसी नमाज़ बाजमात अदा की गई । बादअज़ां इमाम काबा अरब ममालिक में बारिश की ख़ातिर अल्लाह ताला से दुआगो हुए । मस्जिद हरम शरीफ़ के तहत हज़ारों अफ़राद आज़मीन हज-ओ-उमरा को राहत पहुंचाने मुख़्तलिफ़ शोबा जात के तहत दिन और रात ख़िदमात में मसरूफ़ देखे जाते हैं।

सैंकड़ों अफ़राद निज़ाम सफ़ाई , सैंकड़ों ज़मज़म पानी पीने की ग़रज़ के लिए वक़तेआ गिलास फ़राहम करते हैं। मस्जिद के अंदरूनी हिस्से में ज़मज़म के ख़ाली डिब्बों को मुंतक़िल करते हुए ज़मज़म पानी से भरे हुए डिब्बे फ़राहम करने , नमाज़ के औक़ात में मर्दों के साथ मौजूदा ख़वातीन को उन के मख़सूस जगह मुंतक़िल करने , मस्जिद हरम शरीफ़ का एक के बाद एक हिस्सा नमाज़ियों से पर करते रास्ता फ़राहम करते हुए देखे गए । नुमाइंदा सियासत आदिलाबाद महबूब ख़ान ने अदाएगी उमरा से वापसी के बाद ये आँखों देखा हाल पेश किया है।