हरयाणा के जींद में लिंग अनुपात बदतर, ज़िले के दस गांव में 500 से भी कम

जींद: सरकार भले ही लिंगानुपात सुधार के लिए हर साल करोड़ों रूपए पानी की तरह बहाती हो, मगर जींद जिले में दस गांव ऐसे हैं, जहां का लिंगानुपात 500 से भी कम है। एक रिपोर्ट के अनुसार, जिले के दरौली खेड़ा में लिंगानुपात सबसे कम है। यहां एक हजार लड़कों के पीछे मात्र 217 लड़कियां हैं। इसी प्रकार सफीदों के सरफाबाद में एक हजार लड़कों के पीछे 231 लड़कियां, राजगढ़ ढोबी गांव में एक हजार लड़कों के पीछे 333 लड़कियां, अंबरसर गांव में 375, संगतपुरा गांव में 381, मांडोखेड़ी गांव में 400, सुलहेड़ा गांव में 400, बहादुरपुर में 406, खेड़ी बुल्ला गांव में 444, राजपुरा गांव में 467 लड़कियां हैं।

यह रिपोर्ट सामने आने के बाद विभाग के भी हाथ-पांव फूल गए हैं और विभाग ने कालवा, खरकराजी, सफीदों, उचाना, कंडेला, उझाना के एसएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी कर इसका कारण पूछा है। इसके अलावा संबंधित गांवों की एएनएम व एमपीएचडब्यू के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

उपायुक्त विनय सिंह ने कहा कि कुछ गांवों में कम लिंगानुपात का मामला सामने आया है और वहां की एएनएम व एमपीएचडब्ल्यू के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा गया है। साथ ही स्वास्थ्य विभाग को समय-समय पर अल्ट्रासाउंड जांचने के आदेश दिए गए हैं ताकि लिंग जांच न हो सके।

(पीटीआई के हवाले से ख़बर)