पांच जून से प्रस्तावित जाटों के आरक्षण आंदोलन से पहले आज हरियाणा के सात संवेदनशील जिलों में पांच या उससे अधिक लोगों के जमा होने पर रोक लगाने के लिए निषेधाज्ञा लगायी गयी। साथ ही हिसार में एक व्यक्ति के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि अपराध प्रक्रिया संहिता :सीआरपीसी: की धारा 144 के तहत रोहतक, गुड़गांव, झज्जर और सोनीपत सहित सात जिलों में निषेधाज्ञा लगायी गयी। सातों जिले फरवरी में हुए जाट आंदोलन के दौरान हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित हुए थे। जाटों ने शिक्षा एवं सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन किया था।
उन्होंने कहा कि ऐहतियाती उपाय के तौर पर ऐसा किया गया।
हिसार में पुलिस ने प्रस्तावित आंदोलन को लेकर अफवाहें फैलाने के लिए एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ देशद्रोह और दूसरे अपराधों को लेकर मामला दर्ज किया।
पुलिस अफवाहें फैलाने या सोशल मीडिया के जरिए भड़काउ बयान देने की कोशिश करने वालों पर करीबी निगाह रख रही है।
सात संवेदनशील जिलों में अर्धसैनिक बल तैनात किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग :ओबीसी: श्रेणी में जाट समुदाय को आरक्षण देने के सरकार के कदम पर रोक लगाने के बाद अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति :एआईजेएएसएस: ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है।
प्रशासन ने हर जिले में एक ऐसी जगह चिह्नित की है जहां लोग शांतिपूर्वक धरना दे सकें।