हराम माल से सदका करना

रसूलुल्लाह स0 ने फरमाया : “जब तू माल की ज़‌कात अदा कर दे; तो जो (वाजिब) हक तुझ पर था; वह तो अदा हो गया (आगे सिर्फ‌ नवाफिल का दर्जा है) और जो शख्स हराम तरीके (सूद रिश्वत वगैरह) से माल जमा कर के सदका करे; उस को उस सदके का कोई सवाब नहीं मिलेगा; बल्के उस हराम कमाई का वबाल उस पर होगा’