जहां एक ओर हिंदूवादी तंज़ीमों के ‘घर वापसी’ प्रोग्राम को लेकर माहौल गहराया हुआ है। ऐसे में एमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी के एक बयान ने इसे और भी बढ़ा दिया है।
ओवैसी ने कहा है कि इस्लाम सभी मज़हबों का हकिकी घर है और जब सभी मज़हबो के लोग इसे अपनाएंगे, तब यह असल ‘घर वापसी’ होगी।
मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन के चीफ और हैदराबाद से एमपी ओवैसी ने कहा कि मज़हब के मुताबिक हर बच्चा मुस्लिम पैदा होता है, लेकिन वालिदैन उसे दूसरे मज़हब में बदल देते हैं।
हफ्ते के रोज़ मुनाकिद एक आवामी इजलास से खिताब करते हुए ऒवैसी ने कहा कि जब दूसरे मज़हबो के लोग इस्लाम अपनाएंगे तभी असल घर वापसी होगी।
एमआईएम चीफ ने कहा कि संघ परिवार घर वापसी के नाम पर एक मुहिम चला रहा है। जिसमें मुसलमानों को मज़हब की तब्दीली के लिए पांच लाख रुपए और ईसाइयों को दो लाख रुपए तक का लालच दिया जा रहा है। ओवैसी ने इसको लेकर तन्कीद करते हुए कहा कि अगर वो दुनिया की सारी दौलत भी दे दें तो भी मुसलमान इस्लाम नहीं छोड़ सकते।
इसके साथ ही मुस्लिम लीडरने सभी मज़हबों के लोगों को इस्लाम अपनाने का दावत दिया, लेकिन यह भी साफ किया कि इसे लेकर कोई दबाव नहीं है। इसके साथ ही ओवैसी ने वज़ीर ए आज़म नरेंद्र मोदी की इस मुद्दे पर चुप्पी को लेकर सवाल खड़े किए हैं।
ओवैसी ने वज़ीर ए आज़म से पूछा, “आखिर मुल्क में ये क्या हो रहा है? ऐसे ही रहा तो गैर मुल्की सरमायाकारी आखिर कैसे होगी। आपने कहा कि सीधे FDI के जरिए 100 बिलियन डॉलर जुटाए जाएंगे। ऐसे माहौल में ये सब कैसे होगा?”
ओवैसी ने इस्लाम को दहशतगर्द से जोड़ने पर भी निशाना साधा है। साथ ही जकीउर रहमान लखवी और हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की। औवैसी ने उन्हें मुल्क का दुश्मन बताते हुए कहा कि उनकी वजह से बेगुनाहो के खून बहे हैं। इसलिए उन्हें सजा मिलनी चाहिए।
जहां ओवैसी का कहना है कि हर बच्चा मुस्लिम पैदा होता है, वहीं द्वारका शक्तिपीठ के महंत स्वामी सदानंद सरस्वती के एक दावे ने इस मुतनाज़े को और भी गहरा दिया है।
उन्होंने कहा कि ज़मीन पर पैदा होने वाला हर इंसान सबसे पहले हिंदू की शक्ल में पैदा होता है। बाद में उसका जबरन मज़हब की तब्दीली (धर्मांतरण) की जाती है। इसके लिए उन्होंने वेदों का जिक्र किया है। उनके मुताबिक वेदों में कहा गया है कि ज़मीन पर पैदा होने वाला शख्स हिंदू होता है।
फिलहाल इस मामले पर हो रहे दावों का असल सच क्या है ये तो मालूमनहीं लेकिन इस मुद्दे पर जारी तनाज़ा जल्द थमता नहीं दिख रहा है।