हर शख़्स को सरकारी मुलाज़मत मुम्किन नहीं: हुकूमत जम्मू-ओ-कश्मीर

जम्मू-ओ-कश्मीर के एक वज़ीर ने कहा कि हर शख़्स को सरकारी मुलाज़मत फ़राहम करना मुम्किन नहीं है। उन्होंने कहाकि तालीम‍ए‍ याफ्ता बेरोज़गार नौजवानों को ख़ुद मुकतफ़ी होना चाहीए। महकमा एनीमल हस्बेंडरी की जानिब से मुनाक़िदा किताब की रस्म इजरा तक़रीब से ख़िताब करते हुए वज़ीर अफ़्ज़ाइश मवेशयान आग़ा सैयद रूहुल्लाह ने कहा कि हर शख़्स को सरकारी मुलाज़मत फ़राहम करना मुम्किन नहीं है।

उन्होंने देही इलाक़ों में रहने वाले नौजवानों से बिलख़सूस अपील की कि वो आगे आएं और आमदनी के ज़राए ख़ुद पैदा करें। उन्होंने अफ़्ज़ाइश मवेशी के शोबा में रोज़गार के मौक़े का तज़किरा करते हुए नौजवानों से आगे आने की ख़ाहिश की। उन्होंने कहा कि हुकूमत दिलचस्पी रखने वालों के लिए कम शरह सूद पर क़र्ज़ा जात फ़राहम कर रही है और उन्हें दीगर कई रियायतें दी जा रही हैं।

उन्होंने बताया कि पोल्ट्री , डेरी और चारा के लिए मर्कज़ ने कई स्कीमात को मंज़ूरी दी है। उन्होंने कहा कि रियासत में दूध के मामला में ख़ुद मुकतफ़ी होने की सिम्त गामज़न है