हसन अली केस: आई टी हुक्काम को धक्का

पुने के ताजिर हसन अली ख़ां की झूटे टैक्स रिटर्नस दाख़िल करने में मुबय्यना तौर पर मदद करने पर एक सोइज़ बैंक के ओहदेदारों के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा चलाने की कोशिशों को अटार्नी जेनरल ने इन बुनियादों पर रद‌ कर दिया है कि हुक्काम माक़ूल सबूत फ़राहम करने में नाकाम रहे हैं।

हसन अली जो गै़रक़ानूनी लेन देन के केसों में मुलव्वस हैं, उन्हें इंफ़ोरसमेंट डाइऱीक्रेट ने मार्च 2011 में गिरफ़्तार किया था और उनसे अदा ष्हूदणी मुहासिल के तौर पर हज़ारहा करोड़ रुपयेए जमा करने का तक़ाज़ा किया गया है। उन पर यूनियन बैंक आफ़ स्विटज़रलैंड में 8 बिलीयन अमेरिकी डालर जमा रखने का इल्ज़ाम है।

सैंटर्ल बोर्ड आफ़ डायरेक्ट टैक्सेस (सी बी डी टी) ने अटार्नी जेनरल की राय मांगी थी कि आया इंकम टैक्स ऐक्ट की मुख़्तलिफ़ दफ़आत के तहत इस बैंक के केस में इस सबूत की बुनियाद पर मुक़द्दमा चलाया जा सकता है जो हसन अली को झूटे टैक्स तख़्ता जात के इदख़ाल और दरोग़ गोई में मदद करने में इस बैंक के रोल के बारे में जमा किया गया है।

हसन अली के सोइज़ बैंकों के साथ रवाबित का सब से पहले 2007 में पता चला जब बाअज़ दस्तावेज़ात बरामद हुए थे।