हसब रिवायत दावत इफ़तार बड़े पैमाने पर होगी: चीफ़ मिनिस्टर

चीफ़ मिनिस्टर मिस्टर एन किरण कुमार रेड्डी ने कहा कि गुज़शता बरसों की रिवायत को बरक़रार रखते हुए जारीया साल पर भी मुस्लिम भाईयों के लिए बड़े पैमाने पर दावत इफ़तार का एहतिमाम अक़ीदत-ओ-एहतिराम के साथ किया जाएगा और सादगी के नाम पर उस मज़हबी और पुरनूर तक़रीब को मुख़्तसर करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। चीफ़ मिनिस्टर ने जो इंदिरा माँ बाटा प्रोग्राम के सिलसिला में सुरेकाकलम ज़िला के दौरा पर हैं।

साबिक़(पूर्व) रियास्ती वज़ीर(मंत्री) मिस्टर मुहम्मद अली शब्बीर ने रब्त पैदा करते हुए बाअज़ अक़लीयती क़ाइदीन की जानिब से दावत इफ़तार को मुख़्तसर करने की तजवीज़ पर मुशावरत की इस मुशावरत में फ़ैसला किया गया कि जारीया साल भी दावत इफ़तार का निज़ाम कॉलेज ग्राउंड पर एहतिमाम किया जाएगा ताकि ज़्यादा से ज़्यादा तादाद में रोज़ादार शरीक हो सकें। चीफ़ मिनिस्टर ने वाज़ेह किया कि वो काम से शोहरत और सियासी मक़सद बरारी पर यक़ीन नहीं रखते बल्कि वो चाहते हैं कि ज़्यादा से ज़्यादा रोज़ा दारों को इफ़तार करवाने बरसों से रिवायत जारी है और इस नेक काम में हिस्सादारी पर उन्हें भी ख़ुशी होगी।

मुहम्मद अली शब्बीर ने भी चीफ़ मिनिस्टर को रिवायत से इन्हिराफ़ ना करने का मश्वरा देते हुए कहा कि मुख़्तलिफ़ मज़ाहिब के तेहवारों पर हुकूमत की जानिब से लाखों करोड़ों रुपये ख़र्च किए जाते हैं। अगरचे हुकूमत अपने ख़ुसूसी बजट दावत इफ़तार का एहतिमाम कर रही है तो ये मुस्लमानों पर कोई एहसान नहीं है ये हुकूमत सैक़्यूलर हुकूमत का फ़रीज़ा अदा कर रही है।

उन्हों ने चीफ़ मिनिस्टर को मश्वरा दिया कि यतीमख़ाना अनीस उलग़ोरबा-की इमारत की तामीर के लिए फ़ंडज़ को अलहदा तौर पर जारी करें। जिस के लिए दावत इफ़तार के इंतिज़ाम में कोई कमी ना की जाय। चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि दावत इफ़तार के अख़राजात की तकमील महिकमा अक़ल्लीयती बहबूद के बजट से नहीं की जाती और अनीस उलग़रबा-की इमारत की तामीर के लिए हुकूमत के पास फ़ंडज़ की कोई कमी नहीं है।

वाज़ेह रहे कि बाअज़ अक़लीयती क़ाइदीन को चीफ़ मिनिस्टर से नुमाइंदगी के बाद चीफ़ मिनिस्टर के दफ़्तर के ओहदेदारों ने किसी होटल में मुख़्तसर पैमाने पर दावत इफ़तार की तैय्यारी शुरू करदी थी। ताहम चीफ़ मिनिस्टर और मुहम्मद अली शब्बीर की मुशावरत के बाद निज़ाम कॉलेज पर तैयारीयों का आग़ाज़ किया गया और बहुत जल्द दावत इफ़तार की तारीख़ को क़तईयत दे दी जाएगी।

मुहम्मद अली शब्बीर ने कहा कि मर्कज़ी मुक़ाम पर दावत इफ़तार के एहतिमाम से उल्मा, मशाइख़ीन-ओ-अइम्मा मसाजिद-ओ-रोज़ादार तरावीह के लिए अपने वक़्त पर मसाजिद पहूंचते हैं।