एक एसे वक़्त जब हाइकोर्ट ने आर टी सी वर्कर्स और मुलाज़िमीन की हड़ताल पर नाराज़गी का इज़हार करते हुए इस के ख़ातमे की हिदायत की है। रियासती टी आर एस हुकूमत ने हड़ताली मुलाज़िमीन के असल मुतालिबा फिटमेंट अलाउंस में 43 फ़ीसद इज़ाफे के बारे में हनूज़ कोई फ़ैसला नहीं किया है।
आर टी सी के हड़ताली मुलाज़िमीन के मुतालिबात का जायज़ा लेने के लिए रियासती वज़ीर-ए-दाख़िला एन नरसिम्हा रेड्डी की क़ियादत में तशकील शूदा काबीनी ज़ेली कमेटी ने चीफ़ मिनिस्टर के चन्द्रशेखर राव को एक रिपोर्ट पेश करते हुए फिटमेंट अलाउंस को मौजूदा 27 फ़ीसद से बढ़ाकर 37 फ़ीसद करने की सिफ़ारिश की है।
हालाँकि मुलाज़िमीन 43 फ़ीसद फिटमेंट के मुतालिबा पर अटल हैं। बावर किया जाता हैके चीफ़ मिनिस्टर ने आर टी सी मुलाज़िमीन को 39 ता 40 फ़ीसद फिटमेंट की पेशकश करना चाहते हैं। वाज़िह रहे कि रियासती हाइकोर्ट ने आर टी सी के हड़ताली मुलाज़िमीन को अपनी हड़ताल 13 मई की सुबह तक ख़त्म करदेने की मोहलत दी है।
काबीनी ज़ेली कमेटी ने आर टी सी मुलाज़िमीन की यूनियनों के क़ाइदीन को चीफ़ मिनिस्टर के सी आर से किसी इमकानी मुलाक़ात के लिए तैयार रहने का मश्वरह भी दिया है। ज़ेली कमेटी की रिपोर्ट ने फिटमेंट के इज़ाफे से सरकारी ख़ज़ाने पर आइद होने वाले बोझ की तफ़सीलात का जायज़ा लिया है और 37 फ़ीसद फिटमेंट की सिफ़ारिश की है।