हाउस टैक्स अदा करो वर्ना……….

नई दिल्ली, ३० नवंबर: जुनूबी दिल्ली नगर निगम ने हाउस टैक्स नहीं देने वाले लोगों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। उसने टैक्स नहीं देने वाले लोगों से निपटने का ऐसा रास्ता निकाला है कि नगर निगम की तारीख में इस बारे में कभी किसी ने सोचा भी नहीं था। उसके इस कदम से हाउस टैक्स वालों की नींद उड़ गई है। क्योंकि जुनूबी दिल्ली नगर निगम ने टैक्स न देने वालों से वसूली करने के लिए उनके घर एवं दुकानों के सामने ढोल बजाना शुरु कर दिया है।

जुनूबी दिल्ली की सड़कों पर जुमेरात को शादी और मुखालिफत जैसा मुजाहिरा जैसा ही माहौल था। दो लोग ढोल बजाते हुए चल रहे थे और उनके पीछे कुछ लोग नारे लगा रहे थे। उन्होंने अपने हाथों में अलग अलग स्लोग्न लिखी तख्तियां भी ले रखी थी। खास बात यह है कि वह न तो शादी की रस्म निभा रहे थे और न ही किसी राजनीतिक दल के नेता या कारकुन थे। ढोल और नारेबाजी सुनकर दुकानों एवं घरों से बाहर निकले इलाके के लोग यह नज़ारा देखकर हैरान थे।

जुनूबी दिल्ली नगर निगम के हाउस टैक्स महकमे ने जुमेरात को महिपालपुर में 56, नेहरू प्लेस में 11, कालकाजी में दो और द्वारका में एक मकान के सामने ढोल बजाया। इतना ही नहीं, मुलाज़्मीन ने टैक्स न देने वाले लोगों के अहाते (परिसर‌) पर कुर्की की नोटीसें चिपकाई। इसके अलावा वे टैक्स देने वाले लोगों के नाम लिखी तख्तियां लेकर नारेबाजी की।

हाउस टैक्स महकमे ने यह कार्रवाई मुमस्तकिल कमेटी में लिए गए फैसले पर अमलावारी के तौर पर की। कमेटी में इत्तिफाक़े राय से यह फैसला लिया था कि हाउस टैक्स के बकाएदारों की जाऎदादों के बाहर ढोल बजाकर उन पर नफ़्सियाती (मनोवैज्ञानिक/Psychological) दबाव बनाया जाएगा ताकि वे अपना हाउस टैक्स की अदा करें।

महकमे के ओहदेदार बी. एन. सिंह ने बताया कि हाउस टैक्स की वसूली में आई कमी और करदाताओं की घटती तादाद को देखते हुए यह फैसला लिया। उन्होंने बताया कि सालों पहले ऐसे ही बकाए करों की वसूली की जाती थी, लेकिन धीरे-धीरे यह तरीका बंद हो गया। अब मजबूरन दुबारा यह रवायती तरीका अपनाना पड़ रहा है।