हाजियों का आखरी काफिला थीं. इतवार को रात 2.45 बजे रांची पहुंचा। इस काफिला में 75 हाजी शामिल थे। मिली इत्तिला के मुताबिक इतवार की रात मदीना से रांची आये जहाज के रनवे पर रहने की वजह से दूसरे जहाज को उतरने में दिक़्क़त हो रही थी।
देर रात डायनमिक एयरवेज के एसिस्टेंट पायलट व इंजीनियरों की तरफ से इस जहाज को रनवे से किनारे किया गया। तब जाकर जयपुर से आया ज़्हाज 2.45 बजे रांची एयरपोर्ट पर लैंड किया। रात 3.10 बजे के बाद से हाजियों का बाहर आना शुरू हो गया। इस जत्थे में रांची, खेलारी, जमशेदपुर, साहेबगंज, धनबाद के हाजी शामिल थे। जिसमें 41 मर्द व 34 ख़वातीन थीं।
आखिरी काफिला में आये तमाम हाजियों के सामान भी पहुंच गये। हज कमेटी के सदर मंजूर अहमद अंसारी, मेम्बर खुर्शीद हसन रूमी, हाजी शौकत अली समेत हज वोलेंटियर्स अदारा, अलरहबर नौजवान कमेटी के मो फिरोज अहमद और विमेंस फ्रिडम की कौशर परवीन, मरहबा के मुशा मलीक, हाजी शाहिद, नेहाल, शारजाह क्लब के मेम्बर उनके खिदमत में लगे हुए थे। मालूम हो कि इस बार 28 अक्तूबर से हाजियों के काफिला के आने का प्रोग्राम शुरू होना था, जिसमें ताखीर हुआ।
इस बार हाजियों को आने में भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। कई हाजियों का जहाज घंटों ताखीर से आया, तो कई हाजियों को मुंबई वाया दिल्ली होते हुए रांची आना पड़ा। आखरी काफिला से पहले आये हाजियों के सामान पीर को भी नहीं आये। इसे आने में और एक-दो दिनों का वक्त लगेगा। हाजियों का कहना है कि कई दिन बीतने के बाद भी लगेज नहीं आया है। जिससे हमलोग परेशान हो गये हैं।