हाजियों की तवाफ़ विदा के बाद वतन वापसी का आग़ाज़

मक्का मुअज़्ज़मा 18 सितम्बर: हाजीयें की तवाफ़ विदा के बाद वतन वापसी का आग़ाज़ हुआ है। हर्म शरीफ़ मैं हज़ारों हुज्जाज अशकबार आँखों, लरज़ते लबों से दुआएं करते हुए नाक़ाबिले फ़रामोश यादों के साथ रुख़स्त हो रहे हैं। रुख़्सती के इन जज़बाती मनाज़िर हर्म शरीफ़ के हर गोशे में नज़र आरहे हैं। ख़ाने काबा की दीवार से चिमट कर हाजी साहिबान अल्लाह से गिड़गिड़ाते हुए दुआएं मांग रहे हैं। जिन हाजी साहिबान की वतन वापसी का वक़्त आ पहुँचा है वो किंग अबदुलअज़ीज़ इंटरनेशनल एयरपोर्ट और जेद्दाह इस्लामिक बंदरगाह की तरफ बसों के ज़रीये रुख़स्त हो रहे हैं।

दुसरे हुज्जाज साहिबान हुज़ूर अकरम(सल्लललाहु अलैहि वसल्लम)के रौज़ा मुबारक की ज़ियारत के लिए मदीना मुनव्वरा की तरफ जारहे हैं। इस साल हज की महफ़ूज़ पुरसुकून तकमील के बाद अल्लाह की शुक्रगुज़ारी के साथ ख़ारिम हरमैन शरीफ़ैन शाह सलमान और उनकी हुकूमत की ख़िदमात की सताइश करते हुए रवाना हो रहे हैं।

कई हाजियों ने हयात बाक़ी रही तो दुबारा ख़ाने काबा की ज़ियारत की आरज़ू का इज़हार किया है। मिस्र, सिकंदरीया और दुसरे मुक़ामात से आने वाली हाजियों की वापसी अमल में आरही है।

यमन के मुहम्मद शाबाम और अली मुहम्मद ने कहा कि मुसलमानों में सऊदी अरब को एक नुमायां मुक़ाम और मर्तबा हासिल है। उन्होंने फ़रमांरवा शाह सलमान और दुसरें से इज़हार-ए-तशक्कुर किया जिन्हों ने यमन में बोहरान पर क़ाबू पाने के लिए कोशिश की। पाकिस्तान से ताल्लुक़ रखने वाले मुहम्मद यूसुफ़ और मुहम्मद विक़ास ने कहा कि जो कोई सऊदी अरब के ख़िलाफ़ आवाज़ उठा रहा है वो दरअसल इस्लाम का दुश्मन है। जारीया साल हुकूमत सऊदी अरब ने कई नए प्रोजेक्टस पर अमल आवरी की है। मक्का को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए तेज़ी से काम जारी है और ई ब्रेसलेट पहली मर्तबा हुज्जाज किराम को फ़राहम किए गए थे ।