आंध्र प्रदेश हज कमेटी के हुज्जाज किराम की वापसी को एक माह से ज़ाइद का अर्सा हो चुका है लेकिन अभी तक हुकूमत ने एयरपोर्ट यूज़र्स चार्जेस में रियायत के सिलसिले में कोई फैसला नहीं किया।
चीफ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी ने 25 सितंबर को हज हाउज़ में आज़मीने हज के पहले क़ाफ़िला की रवानगी के मौक़ा पर ऐलान किया था कि एयरपोर्ट यूज़र चार्जेस में 50 फ़ीसद रियायत की फ़राहमी में वो जी एम आर कंपनी से बात चीत करेंग।
अगर जी एम आर यूज़र चार्जेस में रियायत के लिए तैयार ना हो तो हुकूमत 50 फ़ीसद रियायत के मुसावी रक़म जारी करेगी। चीफ मिनिस्टर के इस ऐलान को तीन माह मुकम्मल हो गए लेकिन आज तक इस सिलसिले में हुकूमत ने कोई पेशरफ़्त नहीं की।
अब तो हुज्जाज किराम की वापसी का अमल ही एक माह क़ब्ल मुकम्मल हो गया लेकिन चीफ मिनिस्टर का वाअदा पूरा ना हो सका। दिलचस्प बात तो ये है कि महकमा अक़लीयती बहबूद के ओहदेदारों और मुताल्लिक़ा वज़ीर अक़लीयती बहबूद ने भी इस जानिब कोई तवज्जा नहीं की।
इस सिलसिले में जब वज़ीर अक़लीयती बहबूद मुहम्मद अहमदुल्लाह से इस्तिफ़सार किया गया तो उन्हों ने त्यक्क़ुन दिया कि वो इस सिलसिले में बहुत जल्द चीफ मिनिस्टर से बात चीत करेंगे। रक़म की इजराई के बाद हुज्जाज किराम को फी कस 955 रुपये वापिस किए जाएंगे।
अब जबकि जनवरी से आज़मीने हज से दरख़ास्तों की वसूली का शेड्यूल जारी कर दिया जाएगा, ऐसा महसूस होता है कि चीफ मिनिस्टर के वाअदे की तकमील मुम्किन नहीं।