मुंबई: हाजी अली की दरगाह में मज़ार मुबारक के पास ख़वातीन के दाख़िले पर इमतिना के बारे में अपना फ़ैसला महफ़ूज़ करते हुए बंबई हाइकोर्ट ने तमाम फ़रीक़ैन से अपने दलील तहरीरी तौर पर अंदरून दो हफ़्ते अदालत में पेश करने की हिदायत दी। दरीं असनाए हुकूमत महाराष्ट्र ने आज ख़वातीन के हाजी अली की दरगाह में दाख़िला पर आइद इमतिना बर्ख़ास्त करने की ताईद करते हुए कहा कि जब तक क़ुरआन-ए-मजीद के हवाले से इस इमतिना की ताईद में दलील पेश ना किए जाएं, हुकूमत की ख़ाहिश है कि ये इमतिना बर्ख़ास्त कर दिया जाये।
रियासत के ऐडवोकेट जनरल श्री हरी अन्य ने अदालत में कहा कि हुकूमत महाराष्ट्र ख़वातीन के दरगाह में दाख़िले पर इमतिना की बर्ख़ास्तगी की ख़ाहां है। दरगाह बोर्ड ने डीवीझ़न बेंच पर बयान देते हुए कहा कि मज़ार मुबारक के पास ख़वातीन के दाख़िला पर इस लिए इमतिना आइद किया गया है क्यों कि इस्लाम में किसी भी ख़ातून को एक मर्द बुज़ुर्ग देन या उस के मक़बरे को छूने पर इमतिना आइद है।
दरख़ास्त गुज़ार राजीव मौर्य ने ताहम दरगाह बोर्ड के दलायल पर एतराज़ किया और कहा कि सरकारी तौर पर हाजी अली की दरगाह के वेबसाइट पर नहीं कहा गया है कि मक़बरे के अंदर दरहक़ीक़त किसी की मय्यत दफ़न है। इस लिए जब तक हाजी अली की दरगाह के वेबसाइट पर उनकी दलील की तरदीद करते हुए बयान मौजूद ना हो , ख़वातीन के दाख़िले पर इमतिना गै़रक़ानूनी है। अदालत ने 3 फरवरी को रियासती हुकूमत से इस की राय तलब की थी|