हाफ़िज़ सईद से वेदप्रताप वैदिक की मुलाक़ात से हकूमत-ए-पाकिस्तान लाइलम

मुंबई हमलों के असल साज़िशी ज़हन हाफ़िज़ सईद से वेदप्रताप वैदिक की मुलाक़ात पर पैदा शूदा तनाज़े के दरमयान पाकिस्तान ने आज कहा कि वो इस मुलाक़ात से लाइलम है।

इस ने ज़ोर दे कर कहा कि हाफ़िज़ सईद के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती क्यों कि उनके ख़िलाफ़ कोई सबूत ही नहीं हैं। जमात-उल-दावत के सरबराह से हिन्दुस्तानी सहाफ़ी वैदिक की मुलाक़ात का हकूमत-ए-पाकिस्तान को इल्म नहीं है।

पाकिस्तानी हाई कमिशनर अब्दुलबासित ने यहां प्रेस क्लब आफ़ इंडिया के मीट दी प्रेस प्रोग्राम के दौरान इस मसला पर पूछे गए सवालात के जवाब में कहा कि ये दो अफ़राद के दरमियान एक मुलाक़ात थी।

हमारी हुकूमत को इस मुलाक़ात का कोई इल्म नहीं था और ना ही हकूमत-ए-हिन्द इस मुलाक़ात से वाक़िफ़ थी। ये सिर्फ़ दो ख़ानगी अफ़राद की ज़ाती मुलाक़ात से बढ़ कर कुछ नहीं है।

ये पूछे जाने पर कि आया पाकिस्तानी इंटेलिजेंस एजेन्सी आई एस आई भी इस मुलाक़ात के बारे में इल्म नहीं रखती। उन्होंने सिर्फ़ इतना कहा कि पाकिस्तानी हुकूमत को इस मुलाक़ात से कोई ताल्लुक़ नहीं है।

इस सवाल पर कि कोई दहशतगर्द सरगर्मीयों में उन के मुबय्यना तौर पर मुलव्विस होने पर जमात-उल-दावत के सरबराह के ख़िलाफ़ हकूमत-ए-पाकिस्तान कार्रवाई क्यों नहीं करती।

पाकिस्तानी हाई कमिशनर ने कहा कि हाफ़िज़ सईद पर मुक़द्दमा चलाने के लिए कोई सबूत ही नहीं है। पाकिस्तान की हुकूमत को ठोस सबूत चाहिए ताकि उन्हें जेल में डाल दिया जा सके।

हमारे पास उन के ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं है। इस लिए हम उन्हें जेल में नहीं डाल सकते। ये पूछे जाने पर कि आया पाकिस्तान फिर एक मर्तबा वैदिक को अगर दरख़ास्त देने पर वीज़ा देगा अब्दुलबासित ने इस सवाल का रास्त जवाब देने से गुरेज़ किया और कहा कि वो अक्सर पाकिस्तान का दौरा करते हैं। वहां कान्फ़्रैंस में शिरकत के लिए वफ़द के दीगर अरकान में शामिल रहते हैं।

वैदिक से मुलाक़ात के मसले पर हिन्दुस्तान में अपोज़िशन पार्टीयों ने ज़बरदस्त हंगामा किया था क्यों कि वो बी जे पी हामी और योगा गुरु राम देव के साथी हैं। वज़ीर-ए‍-ख़ारिजा सुषमा स्वराज ने भी कल ही कहा था कि हाई कमीशन को इस मुलाक़ात का इल्म नहीं है।

इस दौरान 26/11 के मुबय्यना मुल्ज़िम हाफ़िज़ सईद ने ट्वीटर पर लिखा है कि एक हिन्दुस्तानी सहाफ़ी वैदिक से उन की मुलाक़ात पर शोर-ओ-गुल मचाने से हिन्दुस्तान की तंगनज़री वाज़िह होती है।

सईद-वैदिक की मुलाक़ात को मसला बनाते हुए सियासी क़ाइदीन ने उन की गिरफ़्तारी का भी मुतालिबा किया है। अपने टोइटर पर हाफ़िज़ सईद ने लिखा है कि अफ़सोस की बात है कि सेकूलर हिन्दुस्तान अपने सहाफ़ी वैदिक को उनसे मुलाक़ात को बर्दाश्त करने से क़ासिर है।

ये तंगनज़री की एक और बदतरीन मिसाल है। उन्होंने कहा कि हम दोनों ने 26/11 दहशतगर्द मसले पर बातचीत की और हिन्दुस्तान की पेश करदा सबूत पर तबादला-ए-ख़्याल किया क्यों कि पाकिस्तान की अदालत ने उनके सबूत को मुस्तरद कर दिया है। आख़िर हिन्दुस्तान पाकिस्तान की अदालतों का एहतेराम क्यों नहीं करता।