पाकिस्तान को बानी लशकर ए तैयबा हाफ़िज़ मुहम्मद सैयद के लिए 10 मिलियन अमेरीकी डालर के इनाम के पेशकश के ताल्लुक़ से अमेरीकी हुकूमत से कोई सरकारी पयाम वसूल नहीं हुआ है, वज़ीर दाख़िला रहमान मलिक ने आज ये बात कही। उन्होंने आज शाम एक टी वी न्यूज़ चे अनिल को बताया कि मुझे मीडिया से मालूम हुआ है कि इन (हाफ़िज़ सैयद) के सर पर इनाम रखा गया है। (ताहम) हमें अमेरीका यह कोई दीगर गोशा से कोई सरकारी पयाम नहीं मिला है।
रहमान मलिक ने कहा कि उन्होंने वज़ारत-ए-ख़ारजा से इस अमेरीकी इनाम के ताल्लुक़ से रिपोर्ट की तस्दीक़ करने की दरख़ास्त की है । ये तस्दीक़ हो जाने तक में सरकारी तौर पर कुछ भी कहने से क़ासिर हैं। इनसे दरयाफ्त किया गया था कि आया हुकूमत अमेरीकी इनामात बराए इंसाफ़ प्रोग्राम के तहत इनाम के ऐलान के बाद हाफ़िज़ सैयद के ख़िलाफ़ कार्रवाई का इरादा रखती है।
रहमान मलिक ने कहा कि वो ज़राए इबलाग़ की इत्तेलाआत की बुनियाद पर तब्सिरा नहीं कर सकते। पहले देख तो लें आया उस की तस्दीक़ होती है, फिर हम इन (अमेरीका) से पूछ सकते हैं कि इस इनाम की पेशकश क्यों होती है। उन्होंने कहा कि इस तरह के मुआमलों में सिफ़ारती ज़राए यह इंटरपोल के ज़रीया मालूमात की तरसील का तरीका कार होता है। हमें कोई सरकारी ज़राए या सिफ़ारती चैनलों से कोई पयाम वसूल नहीं हुआ। लिहाज़ा में हनूज़ यही कहूंगा कि हमें सरकारी इत्तेला का इंतेज़ार करना चाहीए। रहमान मलिक के रिमार्कस हाफ़िज़ सैयद जो अब जमातुद दावा के सरबराह हैं, उनके सर पर इनाम के ऐलान पर पहला सरकारी रद्द-ए-अमल है।