नई दिल्ली। मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद पर पाकिस्तान ने शिकंजा कसते हुए उससे जुड़े चैरिटी संगठनों और वित्तीय संसाधनों को अपने कब्जे में लेने की तैयारी में है। पाकिस्तान सरकार ने इस संबंध में 19 दिसंबर को अपने सभी प्रांतों और अलग-अलग सरकारी विभागों को निर्देश जारी किया था।
सईद पर 2008 में मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड होने का आरोप है। उसे अमेरिका ने भी अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर रखा है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान सरकार यह कार्रवाई अमेरिका के दबाव में करेगी।
अमेरिकी सरकार के अधिकारियों के हवाले से मिली सूचना के अनुसार पाकिस्तानी सरकार ने 19 दिसंबर को केंद्र और राज्य सरकारों से जुड़े अधिकारियों को इस बाबत गोपनीय पत्र लिखा है। तीन उच्च अधिकारियों की इस बाबत हुई बैठक में शामिल रहे एक अधिकारी ने केंद्र सरकार के इस तरह के निर्देश की पुष्टि की है।
सीक्रेट लिखे लिफाफे में 19 दिसंबर को भेजे पत्र में वित्त मंत्रालय ने सरकारी एजेंसियों और पांच प्रांतों की सरकारों को सईद के संगठनों-जमात-उद-दावा और सलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर कब्जे की कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया है। अमेरिका ने इन दोनों ही संगठनों के आतंकी जमात लश्कर-ए-तैयबा का अंग होने की बात कही है।
अमेरिका भी मानता है कि मुंबई हमले में हाफिज सईद का हाथ था। उक्त हमले में कई विदेशियों समेत 166 लोग मारे गए थे। जबकि सईद मुंबई हमले में हाथ होने से इन्कार करता है और पाकिस्तानी अदालत उसे दोषी ठहराने में सुबूतों का अभाव होने की बात कहती है।
पाकिस्तानी सरकार ने 19 दिसंबर का यह पत्र फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) के पास भी भेजा है। एफएटीएफ वह अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो अवैध रूप से होने वाले धन के लेन-देन और आतंकियों को मिलने वाले धन पर नजर रखती है।
इस संस्था ने पाकिस्तान को चेतावनी दे रखी है कि उसने आतंकियों को मिलने वाले धन के स्त्रोत बंद नहीं किए तो उसे इसके दुष्परिणाम भुगतने होंगे।
हाफिज सईद के संगठनों पर कार्रवाई के सवाल पर पाकिस्तान के गृह मंत्री एहसन इकबाल ने कहा, सभी आतंकी संगठनों के आर्थिक स्त्रोतों को बंद किया जाएगा। यह हमारी नीति है।