हामिद करज़ई पाकिस्तान से तामीरी (रचनात्मक) तआवुन (मदद) के ख्वाहाँ

एक ऐसे वक़्त जब नाटो अफ़्वाज (सेना) 2014 मेंअफ़्ग़ानिस्तान से वापसी का रास्ता देख रही है इस जंगज़दा मुल्क के सदर (राष्ट्रपति) हामिद करज़ई ने तालिबान से मुज़ाकरात करने और सरहद पर अस्करीयत (जंगजू) पसंदों को महफ़ूज़ पनाह गाहों से महरूम रखने के लिए पाकिस्तान से तामीरी (रचनात्मक) तआवुन (मदद) तलब किया है मिस्टर करज़ाई ने इन्किशाफ़ किया कि उन्हों ने पाकिस्तानी वज़ीर-ए-आज़म (प्रधान मंत्री) यूसुफ़ रज़ा गिलानी को एक हफ़्ता की मुद्दत में काबुल का दौरा करने की दावत दी हत्ता कि बाक़ौल उन के मज़ीद खुले और दोस्ताना अंदाज़ में बातचीत की जा सके । मिस्टर करज़ई ने सरहद पार दहशतगर्दों के महफ़ूज़ ठिकाने मौजूद होने से मुताल्लिक़ (संबंधित) अपने इल्ज़ामात पर अटल रहते हुए कहा कि मिस्टर गिलानी के साथ उन की बातचीत में इन तमाम मसाइल (समस्स्याओं) पर तफ़सीली तबादले ख़्याल किया जा सकता है ।

मिस्टर करज़ाई ने सी एन उन को दीए गए इंटरव्यू में कहा कि इस में कोई शक नहीं कि मीराँ शाह में हक़्क़ानी नेट वर्क सरगर्म है और पाकिस्तानी हुकूमत इस बात से इनकार नहीं कर सकती कि सरहद पार दहशतगर्दों के महफ़ूज़ पनाहगाहें मौजूद हैं लेकिन आज फ़र्क़ सिर्फ इतना है कि हम इन मसाइल (समस्स्याओं) पर पहले से कहीं ज़्यादा खुले आम और दोस्ताना माहौल में बातचीत कर रहे हैं । उन्हों ने कहा कि इस नए माहौल को बरक़रार रखते हुए वो तवक़्क़ो (उम्मीद)करते हैं कि इन मसाइल (समस्स्याओं) के हल तलाश कर लिए जाऐंगे । पाकिस्तान हमारा एक पड़ोसी हैं और हम उन के साथ बातचीत शुरू कर चुके हैं ।