हार्दिक पटेल हुए गिरफ्तार …. तनाव जारी

सूरत : गुजरात में पटेल तबका के लिए रिजर्वेशन की मांग कर रहे हार्दिक पटेल समेत 78 लोगो को आज एकता यात्रा शुरु होने से पहले ही हिरासत में ले लिया गया. इन्हें बर्क्षा पुलिस स्टेशन ले जाया गया है. हार्दिक ने इल्ज़ाम लगाया है कि गुजरात की हुकूमत और पुलिस रियासत में अदम इस्तेहकाम का माहौल पैदा करना चाहते हैं.

आज होने वाली इस यात्रा को इंतेज़ामिया ने मंजूरी नहीं दी है. जुमे के रोज देर शाम को इस यात्रा की मंजूरी के लिए जिला कलेक्टर को अर्जी दी गई थी जिसको उन्होंने नामंजूर कर दिया था. लेकिन इसके बावजूद हार्दिक ने साफ कर दिया है कि वह हर हाल में यह एकता यात्रा निकालेंगे. इसको देखते हुए पूरे रियासत में सेक्युरिटी के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.

हार्दिक ने हफ्ते के रोज़ से एकता यात्रा निकालने का एलान किया था जिसके लिए नवसारी के कलेक्टर ने इज़ाज़त नहीं दी थी. लेकिन हार्दिक ने इसे मानने से इनकार कर दिया और कहाकि वे किसी भी कीमत पर रैली निकालेंगे. इस ऐलान के बाद पुलिस ने सूरत के मानगढ़ चौक पर सेक्युरिटी सख्त कर दी थी. सरदार पटेल की मूर्ति को माला पहनाने के बाद पुलिस ने हार्दिक और उनके हामियों को हिरासत में ले लिया.

हिरासत में लेने पर हार्दिक ने कहाकि पुलिस तशद्दुद चाहती है. पुलिस सबको परेशान कर रही है. इससे पहले जुमे के रोज़ उन्होंने कहा था कि हम हफ्ते के रोज़ से रैली निकालेंगे लेकिन ऐसे गांवों में नहीं जाएंगे जहां हमारा ओबीसी रिजर्वेशन मांगने के लिए मुखालिफत हो सकती है. हम गुजरात के लोगों से अपील करेंगे कि वे इस काम में हमारी मदद करें.

नवसारी की जिला कलेक्टर रम्या मोहन ने कहा कि पास की एकता यात्रा और इसके एहतिजाज में दांडी के आसपास के 90 गांवों और ओबीसी एकता मंच की Retribution rally को भी मंजूरी नहीं दी गई है. बिना इज़ाज़त इस तरह की यात्रा निकाली जाएगी तो ऐसा करने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा.

उन्होने बताया कि दंगे तथा टकराव के खदशे आशंका के मद्देनजर दोनो रैलियों को मंजूरी नहीं दी गयी है. हालांकि रियासत की हुकूमत ने अभी तक इस रैली के मद्देनजर मोबाइल इंटरनेट पर पाबंदी के ताल्लुक में भी कोई फैसला नहीं लिया है.

गौरतलब है कि हर्दिक ने पहले भी दो बार इस यात्रा को निकालने के लिए इंतेज़ामिया से इज़ाज़त मांगी थी, लेकिन इसको नामंजूर कर दिया गया था. उस वक्त इस यात्रा को रिवर्स दांडी मार्च नाम दिया गया था. बाद में इसका नाम बदलकर एकता मार्च कर दिया गया था.

इज़ाज़त न मिलने की वजह से ही पहले दो बार इस यात्रा को रद्द किया गया था.