हैदराबाद 24 अक्टूबर:ज़ाहिद अली ख़ान एडिटर रोज़नामा सियासत ने कहा कि मुस्लिम विवाह को इस्लामी शिक्षाओं का आईना दार बनाना चाहिए। विवाह तय करने में लड़का या लड़की की मां का रोल बेहद महत्वपूर्ण होता है। आमतौर पर लड़के की ओर से मांगों और दहेज की मांग के लिए माताओं पर आरोप लगाया है कि कुछ हद तक सही है। उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि वे इस समस्या को हल करने के लिए लड़की वालों की भावनाओं का भी ख्याल रखें और अपनी औलाद की ख़ुश गवार ज़िंदगी के सामान फ़राहम करें।
ज़ाहिद अली खान ने इदारा सियासत और माइनॉरिटीज़ फ़ोर्म के ज़ेरे एहतेमाम रॉयल रीजनसी गार्डन्स आसिफनगर में आयोजित 66 वें दु बा दु मुलाकात कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे जिसमें 5000 से अधिक माता पिता और अभिभावकों ने भाग लिया। ज़ाहिद अली ख़ान ने कहा कि शादी से पहले काउंसलिंग कार्यक्रम होना चाहिए इसके अलावा शहर के लीडर्स पर मुश्तमिल एक समिति बनानी चाहिए जो समय से पहले शादी परामर्श में भाग ले ताकि गैर इस्लामी संस्कार और बेजा इसराफ़ से माता पिता को बचाया जा सके।
उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज में तलाक के मामलों में वृद्धि होती जा रही है जिसके जिम्मेदार माता पिता हैं। अपने बच्चों और अपने समाज को इस स्थिति से बचाने के लिए माता पिता को प्रभावी रोल अदा करना होगा। उन्होंने कहा कि मुसलमानों में तलाक की घटनाओं 5 प्रतिशत हैं जबकि हिन्दुओं में तलाक की दर 12 प्रतिशत से अधिक है।
इस तथ्य के बावजूद भाजपा सरकार मुस्लिम पर्सनल लॉ को हटाने के लिए पूरी तरह सक्रिय है। उन्होंने मुसलमानों से अपील की के वह मौजूदा हालात में उनके खिलाफ उचित रखी जाने वाली साजिशों को समझें और हालात का मुकाबला करने के लिए एकजुट हो जाएं। ज़ाहिद अली ख़ान ने कहा मसलकों के इख़तिलाफ़ात से केवल हमारा समाज कमजोर होगा बल्कि हमारी तवानियाँ भी गैर केंद्रित हो जाएंगी।
उन्होंने कहा कि समान सिविल कोड के खिलाफ जो हस्ताक्षर अभियान जारी है उसके बहुत ही उत्साहित परिणाम हो रहे हैं। इसलिए राजनीति की ओर से बड़े पैमाने पर फॉर्म्स प्रकाशन और वितरण का काम शहर और जिलों में जारी है। उन्होंने कहा कि हैदराबाद को देश भर में सम्मान प्राप्त है कि हर आंदोलन की शुरुआत इसी क्षेत्र से होता है और हैदराबाद से उभरने वाली आंदोलन सफलता की गारंटी बन जाती है।
उन्होंने कहा कि लड़कीयों के इंतिख़ाब में वालदैन और सरपरस्तों को फ़राख़दिलाना रवैय्या इख़तियार करना होगा । सूरत के मुक़ाबले में सीरत को तर्जीह देने की ज़रूरत है।इसी तरह मुतालिबात के रवायात को तर्क करने से हमारे कई मसाइल हल होंगे। उन्होंने मुस्लिम शादीयों में इसराफ़ और फुज़ूलखर्ची को ज़वाल की अलामत क़रार दिया।दु बा दु कार्यक्रम में लड़कों के 140 और लड़कियों के लगभग 300 पंजीकरण माता पिता और अभिभावकों ने करवाए।
दु बा दु बैठक में ज़हीरुद्दीन अली ख़ान मैनेजिंग एडिटर रोज़नामा सियासत अली अलगतमी मुहम्मद ताजुद्दीन उसमान अलहाजरी के बी जानी मुहम्मद सिराज क़ुरैशी अमजद हुसैन मुहम्मद मुनव्वर और दूसरों ने शिरकत की।