हिंद,जापान, अमरीका मुज़ाकरात चीन के ख़िलाफ़ नहीं : करट कैंप बिल

वाशिंगटन 17 दिसमबर (पी टी आई) हिंदूस्तान , जापान और अमरीका के माबैन अपनी नौईयत के पहले मुज़ाकरात के आग़ाज़ से क़बल एक सरकरदा अमरीकी सिफ़ारतकार ने कहा है के सह फरिकी मुज़ाकरात अगरचे तीनों मुल्कों के दरमयान हिक्मत-ए-अमली की साझेदारी का एक बेहतरीन एहसास रखते हैं, लेकिन ये नज़रिया काबिल-ए-क़बूल नहीं होगा कि ये मुज़ाकरात चीन की वुसअत को महिदूद करने से ताल्लुक़ रखते हैं।

 

सह फरिकी मुज़ाकरात पैर से शुरू होंगी, जिस में हिंदूस्तान, जापान और अमरीका के सरकरदा सिफ़ारतकार हिस्सा लेंगे और कलीदी इलाक़ाई-ओ-आलमी उमूर पर तफ़सीली तबादला-ए-ख़्याल करेंगे। इन के एजंडा मैं इक़तिसादी-ओ-फ़ौजी मसाइल भी शामिल हैं।

इस दौरान अमरीकी नायब वज़ीर-ए-ख़ारजा बराए बहर-ए-अलकाहिल-ओ-मशरिक़ी एशियाई उमूर कर्ट कैंप बल ने कहा कि ऐसे कई मसाइल हैं, जिस पर हम तबादला-ए-ख़्याल करना चाहते हैं, जिन में एशीया में वसीअ तर और हिक्मत-ए-अमली की तर कुयात भी शामिल हैं, लेकिन एक दो ऐसे वाज़िह मसाइल हैं जिन के बारे में उन्हों ने कहा कि एक रोज़ा सह फरिकी मुज़ाकरात में उन पर ख़ातिर ख़वाह तवज्जा मर्कूज़ रहेगी।

पहला मौज़ा बज़ाहिर तीनों ममालिक के मुफ़ादात में है, जो मियांमार मैं रौनुमा होने वाली तबदीलीयों से क़रीबी रब्त रखने से मुताल्लिक़ है।

मिस्टर कैंप बल ने कहा कि हम समझते हैं कि बहर-ए-हिंद और बहर-ए-अलकाहिल के इलाक़ा के बारे में बाअज़ नए नज़रियात उभरे हैं और हम उन के असरात-ओ-मुज़म्मिरात पर तफ़सीली ग़ौर-ओ-ख़ौज़ करना चाहेंगी। उन्हों ने कहा कि येमुज़ाकरात बहरहाल चीन के ख़िलाफ़ नहीं हैं।