उत्तराखंड: रविवार को आरएसएस द्वारा प्रोत्साहित तीन दिवसीय धर्म संस्कृति महाकुंभ में ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती ने एक अजीबो गरीब बयान दिया. उनहोंने कहा कि हिंदुओं की संख्या घट रही है. हिंदुओं को दो बच्चों की जगह 10 बच्चे पैदा करने चाहिए. उनका ख्याल भगवान रखेगा. बता दें की इस महाकुंभ उनहोंने हिंदुओं से 10-10 बच्चे पैदा करने का आग्रह किया ताकि हिंदुओं की संख्या को बढ़ाया जा सके. दिलचस्प बात यह है कि इसी समय राष्ट्रीय जनसंख्या नीति की मांग भी उठाई गई.
जनसत्ता के अनुसार, ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य वासुदेवानंद सरस्वती ने हिंदुओं की संख्या पर चिंता जताते हुए कहा कि हर हिंदू के 10 बच्चे होने चाहिए. साथ ही दो बच्चों के नियम को त्यागकर 10 बच्चों के नियम का पालन करें, इसकी चिंता न करें कि उन्हें कौन पालेगा, भगवान आपके बच्चों का ध्यान रखेगा.
इससे पहले आरएसएस के संचालक मोहन भागवत ने भी हिंदुओं की कम होती जनसंख्या पर कहा था कि कौन सा कानून कहता है कि हिंदुओं की जनसंख्या नहीं बढ़नी चाहिए? ऐसा कुछ भी नहीं है. जब दूसरों की आबादी बढ़ रही है तो उन्हें कौन रोक रहा है? यह मुद्दा व्यवस्था से जुड़ा हुआ नहीं है. ऐसा इस वजह से है कि सामाजिक माहौल ही ऐसा है.