राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सरबराह मोहन भागवत ने आज कहा कि हिंदुस्तान के लोगों ने हिंदुत्व को अपनी जागीर नहीं माना है बल्कि उन्होंने इसे पूरे आलम के लिए विरासत के तौर पर माना है|उन्होंने कहा कि मुल्क में लोगों को इसकी जड़ों को जानने की जरूरत है|
भागवत ने यहां विज्ञान भवन में ‘इंसाइक्लोपीडिया ऑफ हिंदुइज्म’’ के बैनुल अक्वामी एडीसन के रिलीज के लिए मुनाकिद एक प्रोग्राम के दौरान ये बातें कहीं| उन्होंने कहा कि यह लाज़मी है कि बच्चों को उनकी जड़ों के बारे में मालूमात दी जाए जो फिलहाल उनकी तालीम और तालीम के निज़ाम से गायब है|
उन्होंने कहा, ‘‘हिंदू लफ्ज़ पहले नहीं था| रिवाअयते और मज़हब धर्म थे पर लफ्ज़ नहीं था| उस दौर में इसे इंसानियत के तौर पर जाना जाता था|’’