नई दिल्ली, 02 मई: हुकूमत ए पाकिस्तान ने सरबजीत सिंह की लाश हिंदुस्तानी आफीसरो को सौंप दिया है। टीवी चैनलों के मुताबिक, लाश को खुसूसी तैय्यारे से हिंदुस्तान लाया जा रहा है। आखिरी रुसूमात जुमे के दिन पंजाब में उनके आबाई गांव भिखविंडी में किया जाएगा।
वहीं, कोट लखपत जेल में सरबजीत सिंह के साथ तीन साल गुजारने वाले जुम्मा खान ने शक जताया है कि पाकिस्तान की जेलों में बंद दूसरे हिंदुतानी कैदियों पर भी हमले हो सकते हैं।
उन्होंने बताया कि सरबजीत के कत्ल में आईएसआई का हाथ है। वे किसी दूसरे हिंदुस्तानी कैदी पर भी हमला करा सकते हैं।
उन्होंने बताया कि इस साल लखपत जेल में हिंदुस्तानी कैदी चमेल सिंह को भी पीट-पीटकर उनका कत्ल कर दिया गया था।
पाकिस्तान की जेल से दो साल पहले रिहा हुए जुम्मा खान अपने गांव रासबनी में रह रहे हैं। उन्होंने बताया कि सरबजीत को इस बात का यकीन हो गया था कि उसे अब फांसी नहीं होगी इस बात को लेकर वह हमेशा खुश रहता था।
वह कहता था कि वह बेगुनाह है। उसने पाकिस्तान में कोई भी धमाका नहीं किया है। वह रेहडी पर सामान बेचते हुए पकडा गया था। उसे आईएसआई ने फंसाया था।