नई दिल्ली, 04 मई: (एजेंसी) हिंदूस्तानी मुसन्निफ़ एस ख़ान ने अपनी किताब ख़दीजा की कहानी पर शारजा चिल्डर्न बुक एवार्ड हासिल किया है। ये ऐवार्ड 15 हज़ार अमीराती दिरहम ( 12 लाख रुपये) पर मुश्तमिल है जो इल्म-ओ-अदब में महारत हासिल करने वाले इख़तिराई ज़हनीयत के हामिल बच्चों की हौसलाअफ़्ज़ाई के लिए दिया जाता है।
शारजा चिल्ड्रेंस रीडिंग फेस्टीवल के मौके पर हर साल कई बच्चों की इल्मी, अदबी और मुतालआती सरगर्मीयों में नुमायां मुक़ाम हासिल करने पर कई एवार्ड्स दिए जाते हैं। शारजा बैन-उल-अक़वामी कुतुब मेला के डायरेक्टर अहमद बिन रक़ाज़ अलामरी ने शारजा में बुक फ़ोरम के एक्सपो सेंटर पर मुनाक़िदा तक़रीब में ये एवार्ड पेश किए।
एस ख़ान ई टी वी उर्दू पर इस्लाम बराए इतफ़ाल हफ़तावार टी वी प्रोग्राम के मेज़बान भी हैं। उन्होंने कहा कि ये मेरा ख़ाब देरीना ख़ाब था कि में बच्चों के लिए ऐसी किताबें लिखूं जो उन्हें इस्लाम के बेहतर इक़दार मालूम करने में मुआविन साबित हो सके। उन्होंने मज़ीद कहा कि इस एवार्ड से मेरी हौसलाअफ़्ज़ाई हुई है और मैं इस शोबा में अपना काम जारी रखूंगा।
एस ख़ान की ये किताब ख़दीजा की कहानी पैग़ंबर इस्लाम हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा स०अ०व० की ज़ौजा मुबारक की हयात तैय्यबा पर मबनी है। गुरमीत सिंह ने इस किताब का बेहतरीन सर-ए-वर्क़ बनाया है और दिल्ली के इशाअती इदारा गडोरड ने इस किताब को शाय किया है।
बीबी ख़दीजा ओ बिंत खालिद ना सिर्फ़ पहली मुस्लिम ख़ातून हैं बल्कि पैग़ंबर इस्लाम के अज़ीम मिशन की एक अज़ीम हामी-ओ-मुआविन भी रही हैं। आप की हयात ए तैय्यबा सारे मुसलमानों बिलखुसूस ख़वातीन के लिए एक मिशाल राह है। ये किताब फ़्रांसीसी, जर्मनी, तुर्की, माले और अरबी ज़बानों में तर्जुमा की गई है।