हिंदुस्तानी सिपाहियों की ग़फ़लत और लापरवाही आशकार

लाईन आफ़ कंट्रोल पर 6 अगस्त को पाकिस्तान बॉर्डर एक्शन टीम ने पाँच हिंदुस्तानी सिपाहियों को मंसूबा बंद तौर पर और फ़ौजी अंदाज़ में घात लगाकर हमला करके इंतिहाई क़रीबी फ़ासले से हलाक किया। ये पाँच सिपाही अपनी डयूटी की अंजाम दही के मुआमले में ग़ाफ़िल पाए गए। वो गशत के दौरान कभी आराम और कभी नींद का मज़ा ले रहे थे।

ज़राए के मुताबिक़ फ़ौज की दाख़िली तहक़ीक़ात के दौरान इब्तिदाई मालूमात में ये इन्किशाफ़ हुआ है। जब फ़ौज से इस बारे में पूछा गया तो सिर्फ़ ये जवाब मिला कि रस्मी तहक़ीक़ात अभी जारी हैं और ये मुकम्मल होने के बाद ही हक़ायक़-ओ-ख़ामियों का पता चल सकता है। तहक़ीक़ात के दौरान इस हमले में ज़िंदा बचने वाले हिंदुस्तानी सिपाही सांभाजी कोटे से तफ़तीश की गई और दीगर शवाहिद इकट्ठा किए गए, जिसपर गशत करने वाले हिंदुस्तानी सिपाहीयों की संगीन लापरवाहियों का इन्किशाफ़ हुआ। ये भी पता चला कि हिंदुस्तानी सिपाही इमकानी हमले से बेख़बर थे।

इस तरह की कमांड एंड कंट्रोल नाकामी के वाक़ियात माज़ी में भी पेश आचुके हैं और बिलख़सूस लाईन आफ़ कंट्रोल पर मुतय्यन बटालियन की तबदीली के वक़्त ऐसा अक्सर होता है।