हिंदुस्तान की पहली ‘बेटी’ जिसने गूगल में रची तारीख

मोहाली, 30 जून: पंजाब में मोहाली के मिलेनियम स्कूल की 11वीं क्लास की स्टूडेंट सृष्टि अस्थाना ने शहर के साथ-साथ मुल्क का नाम दुनिया के नक्शे पर चमका दिया है।

सृष्टि गूगल की तरफ से मुनाकिद ऑनलाइन साइंस फेयर में मुकाबले के टॉप-15 में मुकाम बनाने में कामयाब रही है। यह पहला मौका है, जब कोई हिंदुस्तानी मुकाबले के फाइनल तक पहुंचा है।

मुकाबले के अगले मरहले के लिए वह 23 सितंबर को कैलिफोर्निया वाकेए गूगल माउंटेन हेडक्वार्टर जाएगी। इस टूर पर आने वाला सारा खर्च गूगल की तरफ से ही उठाया जाएगा।

गूगल की तरफ से हर साल यह मुकाबला कराया जाता है। मुकाबले में इस बार 120 मुल्क के स्टूडेंट ने हिस्सा लिया था। कड़े मुकाबले में सृष्टि टॉप-15 में पहुंचने में कामयाब रही हैं।

सृष्टि ने बताया कि उन्होंने मुकाबले के लिए ‘सोलर लाइट असिस्टेड नैनोज्नो फोटो कैटेलिक मिनरलाइजेशन-द ग्रीन टेक्नीक फॉर द डी-ग्रेडेशन ऑफ डिटर्जेंट्स’ Thematic project पेश किया था।

उसने बताया कि प्रोजेक्ट के लिए यह आइडिया उसे लुधियाना के एक ट्रिप के दौरान मिला। वहां पर उन्होंने इंडस्ट्रियल वेस्ट की हालत देखी।

वहीं से इंडस्ट्रियल वेस्ट से निकले बेकार डिटर्जेंट वाटर को इको-फ्रेंडली के तौर पर बदलने के लिए ग्रीन सॉल्यूशन का ख्याल शुरू हुआ। पंजाब पुलिस के आईजी एसके अस्थाना की बेटी सृष्टि बड़ी होकर साइंटिस्ट बनना चाहती है।

गूगल साइंस फेयर एक ऑनलाइन साइंस मुकाबला है। जो गूगल, लेगो, सीरन, नेशनल ज्योग्राफिकल और साइंटिफिक अमेरिकन के तरफ से मुनाकिद की जाती है। मुकाबला जनवरी 2011 में शुरू हुई थी। मुकाबले में 13 से 18 साल तक के स्टूडेंट हिस्सा ले सकते हैं। इस मुकाबले के फाइनल में विनर को 50 हजार डॉलर की स्कॉलरशिप समेत कई इनाम दिए जाएंगे।

गूगल साइंस फेयर वेबसाइट ने अब वोटिंग फॉर द इंस्पायर्ड आइडिया अवार्ड कराने का फैसला लिया है। मुकाबले के लिए गूगल साइंस फेयर वेबसाइट 1 से 30 अगस्त तक प्रोजेक्ट के लिए वोटिंग लेगी। जिसकी थीम है आप अपने ख्याल से दुनिया कैसे बदल सकते हैं। मुकाबले में हिस्सा लेने के लिए https://www.googlesciencefair.com/en/2013/ पर क्लिक करना होगा।

———-बशुक्रिया: अमर उजाला