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हिंदुस्तान को 44 साल बाद जुनूब मशरिक़ी एशिया का एज़ाज़

हिंदुस्तान को आज 44 साल के तवील अर्सा के बाद आलमी सेहत तंज़ीम (WHO) के जुनूब मशरिक़ी एशियाई ख़ित्ता के इलाक़ाई डायरेक्टर होने का एक बार फिर एज़ाज़ हासिल हुआ जहां साबिक़ हिंदुस्तानी आई ए एस ऑफीसर पूनम खेतरपाल सिंह को रुक्न ममालिक ने मुंतख़ब किया है।

हिंदुस्तान इसे पहले इस जलील-उल-क़दर ओहदा पर 1948 ता 1968 फ़ाइज़ रहा लेकिन उसके बाद फिर ये सिलसिला रुक गया था। 64 साला सिंह के पेशरू थाईलैंड के सामली पुलिया सींचिंग हैं जिन्होंने इस ओहदा पर दस साल तक अपनी ख़िदमात अंजाम दें। पूनम सिंह की मीयाद पाँच साला होगी।

ग्यारह ममालिक के मंदूबीन जिन में WHO-SEAR अरकान ममालिक शामिल हैं, ने वज़रा ए सेहत के 31 वीं इजलास और WHO इलाक़ाई कमेटी के 66 वीं सैशन में पूनम सिंह को इत्तिफ़ाक़ राय से मुंतख़ब किया। इस मौके पर हिंदुस्तान के वज़ीर-ए-सेहत ग़ुलाम नबी आज़ाद ने उनके इंतिख़ाब का ऐलान करते हुए कहा कि हिंदुस्तान के लिए HO के कलीदी शराकतदार की हैसियत से सेहत के शोबा में अहम कारकर्दगी दिखाने का मौक़ा हाथ आया है जो हम सब के लिए काबिल फ़ख़र् है।

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