हिंदुस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार में ‘महासेन’ का खतरा

कोलकाता, 16 मई: हिंदुस्तान समेत बांग्लादेश और म्यांमार में चक्रवाती तूफान महासेन का खतरा मंडरा रहा है। इस खदसे को देखते हुए बांग्लादेश के साहिली इलाकों से लाखों लोगों को हटाने की कोशिशें तेज कर दी गई हैं। करीब दस लाख से ज्यादा लोग इस तूफान के डर से अपना घर छोड़कर दूसरे मुकाम की तरफ जा कर रहे हैं। अक्वामी मुत्तहदा( UN) के दफ्तर के मुताबिक तूफान थोड़ा कमजोर जरूर पड़ा है लेकिन बांग्लादेश, म्यांमार और सुमाली मशरिकी हिंद के 82 लाख लोगों के लिए खतरा अभी पूरी तरह से टला नहीं है। साल 2008 में आए तूफान नर्गिस से बर्मा में करीब एक लाख से ज्यादा लोग हलाक हो गए थे।

महकमा मौसिमयात के मुताबिक असम, मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुराऔर नागालैंड में जुमेरात और जुमे को तेज हवा के साथ बारिश होने के इम्कान जाहिर किए गए है । इसके अलावा आंध्रप्रदेश, ओडिशा और मगरिबी बंगाल में तेज हवाएं चलने के इम्कान है। ओडिशा मेंअलर्ट भी जारी किया गया है। इन रियासतो में मछुआरों को समुद्र में न जाने और साहिल से दूर रहने की वार्निंग भी दी गई है। इम्कान है कि जुमेरात की सुबह ये तूफान बांग्लादेश के साहिली इलाकों में आकर टकराएगा।

बांग्लादेश में आफीसरों ने चटगाँव और कॉक्स बाज़ार के निचले इलाकों में खतरे का सतह बढ़ा कर सात कर दिया है। ये तूफान बंगाल की खाड़ी से होता हुआ शूमाल की ओर बढ़ रहा है। बांग्लादेश के महकमा मौसिमयात के मुताबिक तूफान से साहिली इलाकों में दो मीटर लंबी लहरें उठ सकती हैं। खतरा कम होने तक चटगाँव और कॉक्स बाजार के हवाईअड्डे बंद कर दए गए हैं।

म्यांमार में मंगल के दिन 50 रोहिंग्या मुसलमानों के डूब कर मर जाने का अंदेशा है। इन लोगों को नाव के ज़रिए महफूज़ इलाके में ले जाया जा रहा था लेकिन नाव डूब गई। बर्मा के कौमी मंसूबा महकमा के वज़ीर टिन नियांग श्वेन ने कहा है कि एक लाख पचास हजार लोगों को ऊंचाई वाले इलाकों में ले जाया गया है।