आरएसएस सरबराह मोहन भागवत ने हिंदुत्व के बारे में ऐसा बयान दिया है जिस पर तनाज़ा खड़ा हो गया है भागवत ने हिंदुस्तान में रहने वाले हर शख्स को हिंदू कहे जाने की वकालत की है |
सवाल ये है कि हिंदुस्तान में रहने वाले को हिंदू कहा जाए या भारतीय ? क्योंकि आईन (Constitution) में मुल्क को भारत कहा गया है, न कि हिंदुस्तान |
मोहन भागवत के इस बयान के बाद मुखालिफीन का हमला तेज़ हो गया है.
आपको बता दें कि ओडिशा के कटक में मोहन भागवत ने कहा था, अगर इंग्लैंड के लोगों को इंग्लिश, जर्मनी के लोगों को जर्मन, अमेरिका के लोगों को अमेरिकी कहा जाता है तो फिर हिंदुस्तान में रहने वाले लोगों को हिंदू क्यों नहीं कहा जाता | भारत के लोगों की शकाफती शनाख्त हिंदुत्व है और भारत के लोग इस अज़ीम कल्चर के औलाद हैं. हिंदुत्व जिंदगी जीने का एक तरीका है इसलिए किसी मज़हब को मानने वाला चाहे वो भगवान की पूजा करता हो या नहीं हिंदू हो सकता है |
दिग्विजय की मुखालिफत
कांग्रेस जनरल सेक्रेटरी दिग्विजय सिंह ने मोहन भागवत के इस बयान के बाद आरएसएस की बराबरी दहशतगर्द तंज़ीम तालिबान से कर दिया है |
दिग्विजय सिंह ने पीर के रोज़ राज्यसभा में कहा, “जिस तरह से तालिबानी नज़रिया दुनिया के लिए खतरा है, उसी तरह से संघ की नज़रिया मुल्क के लिए खतरा है.”
मुखालिफीन भागवत के बयान की मुखालिफत कर रहे हैं. लेकिन बीजेपी और शिवसेना इसकी ताईद में उतर आई है |
ऐसा नहीं है कि हिंदुत्व को लेकर मुल्क में पहली बार कोई बहस हो रही है | इससे पहले पिछले महीने ही गोवा के नायब वज़ीर ए आला ने भी हिंदुस्तान में रहने वाले हर हिंदुस्तानी को हिंदू बताकर तनाज़ा खड़ा कर दिया था | गोवा के एक वज़ीर ने तो यहां तक कह दिया था कि वज़ीर ए आज़म मुल्क को हिंदू कौम (Hindu Nation) बनाने की सिम्त काम कर रहे हैं और अब आरएसएस सरबराह मोहन भागवत के इस बयान के बाद तनाज़ा हो रहा है |