नई दिल्ली 21 अक्तूबर (एजैंसीज़) हिंदूस्तान में ग़रीबों की तादाद भले ही सब से ज़्यादा हो, लेकिन हिंदूस्तानियों की औसत दौलत गुज़श्ता दस साल में लग भग तीन ग़नी हो कर 5.500 डालर यानी 2.70 लाख रुपय हो गई है।
इसी के पेशे नज़र हिंदूस्तान आलमी सरमाए में हिस्सादारी निभाने वाला छटा सब से बड़ा मलिक बन गया है। ये बात आलमी बैंकिंग शोबे के अहम इदारे क्रेडिट सोईस की आलमी सरमाए की एक रिपोर्ट में कही गई।
हालाँकि हिंदूस्तानियों की औसत दौलत 51.000 डालर के आलमी औसत से बहुत कम और सोयुज़ रलैंड के फी कस 5,40,010 डालर की एक फ़ीसद के बराबर है।
हिंदूस्तान में साल 2000 में फी कस दौलत 2,000 डालर थी जो फ़िलवक़्त बढ़ कर 5,500 डालर होगई लेकिन सरमाए की तक़सीम अभी भी बहुत बेतर्तीब है और यहां ग़रीबी बहुत ज़्यादा है।
क्रेडिट सोर्से ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि हिंदूस्तान में दौलत बढ़ रही है और मुतवस्सित तबक़ात और मुतमव्विल-ओ-ख़ुशहाल अफ़राद की तादाद में इज़ाफ़ा होरहा है हालाँकि हर शख़्स की इस दौलत की इफ़रात में हिस्सादारी नहीं है और अभी भी बहुत ज़्यादा ग़ुर्बत है।
रिपोर्ट के मुताबिक़ हिंदूस्तान में 43 फ़ीसद बालिग़ों की दौलत 1,000 डालर से कम है जबकि पूरी दुनिया में औसतन 27 फ़ीसद लोगों की दौलत 1,000 डालर से कम है। हिंदूस्तानी आबादी का बहुत छोटा तबक़ा 0.40 फ़ीसद ही है जिस की अपनी दौलत 1,00,000 से ज़्यादा है।