हिंदूस्तानी नज़ाद महबूबा की अस्मत रेज़ि पर ख़ानगी सुराग़ रसां को सज़ा

न्यूयॉर्क । 6 जनवरी । ( पी टी आई ) न्यूयॉर्क के एक ख़ानगी सुराग़ रसां को 12 साल की सज़ाए कैद सुनाई गई । इस ने अपनी हिंदूस्तानी नज़ाद महबूबा की अस्मत रेज़ि की थी और इस के बाद उस की बड़ी बड़ी तस्वीरें ली थीं जिस की अमरीकी तारीख में कोई मिसाल नहीं मिलती । इन तस्वीरों की बिना पर उसे ग़लती से 7 माह की सज़ाए कैद भुगतनी पड़ी थी ।

39 साला जे डी राम रतन दियाना का हिंदूस्तानी नज़ाद मर्द है जिसे नवंबर में सज़ा-ए-सुनाई गई थी जबकि 4 हफ़्ते तक ज्यूरी ने अस्मत रेज़ि , दरोग़ हलफ़ी , साज़िश , गवाहों पर असरअंदाज़ होने और वाक़ियात की ग़लत इत्तिलाआत फ़राहम करने के इल्ज़ाम में इस के ख़िलाफ़ मुक़द्दमे की समाअत की थी। इस ने अपनी साबिक़ महबूबा से मोना समासार को फंसाने की साज़िश के तेहत इन तमाम जराइम का इर्तिकाब किया था। ज़िलाक्वींस के अटार्नी रिचर्ड बुराॶन ने कहा कि 36 साला समासार हिंदूस्तानी टैक्सी कंपनी के मालिक मुतवत्तिन गुयाना की बेटी है और क़बल अज़ीं मॉर्गन ए रिपोर्ट पर मुलाज़मत कर चुकी है ।

सज़ा- के ज़रीया मुतास्सिरा को इंसाफ़ हासिल होगया जिस के लिए अस्मत रेज़ि का ये वाक़िया एक डरावने ख़ाब से कम नहीं था । उसे डकैती के इल्ज़ामात में गिरफ़्तार करके सज़ाए कैद सुनाई गई थी और उसे कई साल कैद रहने था । राम रतन की ये कार्रवाई फ़ौजदारी निज़ाम इंसाफ़ के क़लब पर एक ज़रब थी , चुनांचे उसे सख़्त तरीन सज़ा-देने का अटार्नी ने मुतालिबा किया । जस्टिस रिचर्ड बचितर ने अपने फैसले में कहा कि राम रतन रहम का मुस्तहिक़ नहीं है कीयौं कि वो एक सरगर्म साज़िशी और इस्तिहसाल का गुनाहगार है । इस ने बेशरमी से फ़ौजदारी निज़ाम इंसाफ़ का मज़ाक़ उड़ाया है ।