हैदराबाद । ०२ जून : ( सियासत न्यूज़ ) : हिंदूस्तान और इंडोनेशिया के बहुत क़दीम ताल्लुक़ात हैं और इंडोनेशिया दुनिया का मुस्लमानों की कसीर आबादी वाला मुल़्क होने के साथ साथ अब एक ताक़तवर मईशत बन कर उभर रहा है । इन ख़्यालात का इज़हार सफ़ीर इंडोनेशिया बराए हिंदूस्तान लीफ़टननट जनरल अनडमी ऐम ग़ालिब ने आज हैदराबाद में एक ख़ुसूसी मुलाक़ात में क्या । उन्हों ने सिलसिला गुफ़्तगु जारी रखते हुए कहा कि दोनों ममालिक के दरमयान बाहमी तिजारत 2015 तक 40 बिलीयन डालर तक पहूंच जाने का इमकान है जो कि अभी 20 बिलीयन डालर है ।
सदर इंडोनेशिया ने कहा कि वो गुज़शता चार साल से हिंदूस्तान में हैं और वो फ़िलवक़्त हैदराबाद के दौरा पर हैं । वो चीफ़ मिनिस्टर किरण कुमार रेड्डी और गवर्नर नरसिम्हन से मुलाक़ात किए हैं और उन के हमराह एजूकेशन अटाची मिस्टर सन किसो उदमी और लियोनार्ड हटा बारत भी हैं । सफ़ीर इंडोनेशिया आज वाइस चांसलर उस्मानिया यूनीवर्सिटी और वाइस चांसलर इंग्लिश ऐंड फ़ौरन लैंग्वेजस यूनीवर्सिटी से मुलाक़ात करते हुए तालीमी शोबा में इश्तिराक को वुसअत देने पर बातचीत क्या । ये सदर इंडोनेशिया के दौरा के वक़्त दोनों ममालिक के माबैन तै पाए 33 मुआहिदों में से एक मुआहिदा है ।
सदर इंडोनेशिया ने 26 जनवरी 2011 को हिंदूस्तान का दौरा करते हुए यौम जमहूरीया परेड की सलामी ली थी । इस दौरा के दौरान 18 मुआहिदे सरकारी उमूर पर मुहीत थे । उन्हों ने कहा कि दोनों ममालिक के दरमयान सरमाया कारी में भी इज़ाफ़ा हुआ है इंडोनेशिया में हिंदूस्तान की सरमाया कारी जो 2007 मैं 11.6 मुलैय्यन अमरीकी डालर थी 2010मैं 44 मुलैय्यन डालर हो गई । मुख़्तलिफ़ सनअतों बिशमोल माइनिंग , आटो मोटीवज़ ऐंड मशीनरी , क्लॉथिंग ज़राअत और कैमीकल में हिंदूस्तानी सरमाया कारी मौजूद है । हिंदूस्तान , इंडोनेशिया से ख़ाम पाम ऑयल ख़रीदने वाला बड़ा ख़रीदार है और माइनिंग , पैट्रोलीयम और पेपर प्रॉडक्ट्स को दरआमद करता है । हिंदूस्तान की जानिब से रीफ़ाइनड पैट्रोलीयम अशीया , गेहूं , चावल , शुक्र और फ़ौलाद इंडोनेशिया को बरामद किए जाते हैं ।
इसी तरह एक ट्रेड मिनिस्टर्स फ़ोर्म के क़ियाम के ज़रीया मआशी ताल्लुक़ात में तेज़ी लाने की कोशिश की गई है । उन्हों ने कहा कि ये हक़ीक़त है कि हिंदूस्तान और इंडोनेशिया पड़ोसी हैं । इंडोनेशिया एसोसीएशन आफ़ साउथ ईस्ट एशीयन नेशंस में सब से बड़ी मईशत है । हिंदूस्तान और इंडोनेशिया दोनों बेहतर कारकर्दगी का मुज़ाहरा कर रहे हैं और मआशी बोहरान के बावजूद तरक़्क़ी कर रहे हैं । दूसरे ममालिक में जी डी पी घट रहा है लेकिन हमारा जी डी पी बढ़ रहा है । ये बिज़नस को वुसअत देने केलिए एक बेहतर माहौल फ़राहम करता है ।।