हिंदूस्तान की कोई बाक़ायदा बहरीया पौलिसी मौजूद नहीं

साबिक़ सरबराह बहरीया-ओ-सीनीयर रुकन क़ौमी सलामती मुशावरती बोर्ड एडमीरल अरूण प्रकाश का ब्यान
बहरीया के साबिक़ सरबराह और क़ौमी सलामती मुशावरती बोर्ड के सीनीयर मैंबर ऐडमिर्ल अरूण प्रकाश ने कहा है कि मुल्क के पास कोई बाक़ायदा बहरीया की पौलिसी नहीं है और ये कि इस की वजह सयासी और नौकरशाही की सतह पर बाक़ायदा ग़ौर-ओ-ख़ौस का फ़ुक़दान है। मिस्टर अरूण प्रकाश ने बहरीया की सलाहीयतों में इज़ाफे़ के लिए निजी शोबों को शामिल करने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया।

मिस्टर अरूण प्रकाश ने कहा कि कोई मरबूत सोच ना होने की वजह से हिंदूस्तान बहरीया के शोबे में बेशुमार इमकानात से फ़ायदा उठाने में बुरी तरह नाकाम रहा है। उन्हों ने मज़ीद कहा कि गुज़िशता 65 बरसों में हम बहरीया से मुताल्लिक़ मुस्तक़बिल का कोई मंसूबा तैय्यार करने में नाकाम रहे हैं और ये कि बहरीया की मुख़्तलिफ़ पालिसीयों के दरमयान रब्त कभी नहीं रहा और इस की वजह ये है कि उसे कभी भी बाक़ायदा लीडरशिप नहीं मिली ।

यहां तक कि इस की एक शाख़ को ये पता नहीं होता कि दूसरी शाख़ में कौन सा काम अंजाम दिए जा रहे हैं। मिस्टर अरूण प्रकाश ने कहा कि हिंदूस्तान के पास बहरीया का ऐसा शोबा है जिस में ज़बरदस्त सरमाया कारी की जा सकती है और बहुत बड़ी तादाद में रोज़गार पैदा किए जा सकते हैं बल्कि इस से मुल़्क की मईशत बहुत ज़्यादा मुस्तहकम हो सकती है।

उन्हों ने अफ़सोस का इज़हार करते हुए कहा कि पूरी दुनिया में इस शोबे में तरक़्क़ी हो रही है लेकिन यहां हमारी बंदरगाहों पर बुनियादी सहूलतों का आज भी फ़ुक़दान है और ये कि इस शोबे में हमारी तरक़्क़ी की रफ़्तार बहुत सुस्त है नीज़ माही गेरी की सनअत भी दीगर मुल्कों के मुक़ाबले में बहुत पीछे है और ये कि हमारी पास इस शोबे के लिए इंसानी वसाइल भी बहुत कम हैं।

उन्हों ने कहा कि अगर हम अपनी इन कमज़ोरीयों पर क़ाबू पालें और किसी भी एक सरकारी एजैंसी को इस शोबे पर तवज्जु देने का इख़तियार दे दें तो हालात बदल सकते हैं। उन्हों ने कहा कि गुज़िशता साल वज़ीर-ए‍आज़म ने बहरीया के लिए 2020।010 का जो एजंडा तै किया था अगर इस एजंडे पर एक मुअय्यना निज़ाम औक़ात के तहत अमल नहीं किया गया और इस की निगरानी नहीं की गई तो उन ऐलानात का भी कोई फ़ायदा नहीं होगा।