वाशिंगटन 5 नवंबर (पी टी आई) अमरीका ने हिंदूस्तान को इंतिहाई पसंदीदा मुल्क का मौक़िफ़ देने से मुताल्लिक़ पाकिस्तान के फ़ैसला की सताइश की है और कहा कि हिंद पाक ताल्लुक़ात की राह में ये एक अहम संग-ए-मेल है जिस से दोनों मुल्कों के दरमयान तिजारती ताल्लुक़ात को मामूल के मुताबिक़ बनाने में मदद मिलेगी।
अमरीकी महिकमा-ए-ख़ारजा की तर्जुमान विक्टोरिया नौ लैंड ने अख़बारी नुमाइंदों से बातचीत करते हुए कहाकि ये एक इंतिहाई अहम फ़ैसला है जिस से हिंदूस्तान और पाकिस्तान दोनों ही ममालिक के लिए अज़ीम तर मआशी मवाक़े फ़राहम होंगे और शाहराह-ए-रेशम से मरबूत अक़्वाम के लिए एक नई मिसाल क़ायम होगी और हम चाहते हैं कि इस इलाक़ा में हर शोबा में बेहतर ताल्लुक़ात की फ़िज़ा-ए-क़ायम रही।
इस मसला पर एक सवाल के जवाब में विक्टोरिया नौ लैंड ने कहाकि हम ये देखना चाहते हैं कि तिजारती ताल्लुक़ात में मज़ीद इस्तिहकाम होसके ताकि इस से हर किसी केलिए ख़ुशहाली आसकती है और क़दीम-ओ-फ़र्सूदा रुकावटें दूर होसकती हैं। इस के साथ ये सारा इलाक़ा आलमी तिजारती मर्कज़ की हैसियत से अपना मुक़ाम बना सकता है।
उन्हों ने कहाकि अगरचे इंतिहाई पसंदीदा मलिक का मौक़िफ़ हमें हासिल नहीं हुआ है लेकिन हमारे ताल्लुक़ात ऐसे ही हैं और दो अहम पड़ोसी मुल्कों के दरमयान होने वाले इस फ़ैसला से हमें ख़ुशी हुई है।
पाकिस्तानी काबीना ने इस फ़ैसला को मंज़ूरी देते हुए हिंदूस्तान के साथ मामूल के मुताबिक़ मुकम्मल तिजारती ताल्लुक़ात बहाल करने का रास्ता खोल दिया है जिस के बारे में इस साल सितंबर के दौरान नई दिल्ली में हिंद – पाक वुज़राए तिजारत के इजलास के दौरान इत्तिफ़ाक़ किया गया था।