हिंदूस्तान को एक और वाईट वाश का ख़तरा: वसीम अकरम

प्रथ ,१० जनवरी: (आई ए एन ऐस) पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के साबिक़ अज़ीम बोलर वसीम अकरम महसूस करते हैं कि हिंदूस्तान पर आस्ट्रेलिया के ख़िलाफ़ वाईट वाश का ख़तरा मंडला रहा है जैसा कि उसे दौरा-ए-इंगलैंड पर एक भी कामयाबी हासिल नहीं हुई थी और इंगलैंड के ख़िलाफ़ हुई नाकामियों की वजह से हिंदूस्तानी टीम को टेस्ट दर्जा बिन्दी में अपना पहला मुक़ाम गंवाना पड़ा था।

बॉर्डर – गवासकर ट्रॉफ़ी में हिंदूस्तानी टीम 0-2 से पीछे है क्योंकि उसे मैलबोर्न और सिडनी में दो शर्मनाक नाकामियां बर्दाश्त करनी पड़ी हैं। इन नाकामियों के साथ बैरूनी ममालिक में हिंदूस्तानी टीम को मुतवातिर 6 मुक़ाबलों में शिकस्त बर्दाश्त करनी पड़ी है।

स्पोर्टस के एक वैब साईट को दिए गए अपने ख़ुसूसी इंटरव्यू में वसीम अकरम ने कहा कि कामयाबी बेहतर होती है लेकिन अगर ये कामयाबी बैरून-ए-मुल्क हासिल की जाय तो इस की एहमीयत बढ़ जाती है।

हिंदूस्तान ने अपनी सरज़मीन पर हमेशा ही बेहतर मुज़ाहरा किया लेकिन जब बैरूनी ममालिक में मुज़ाहिरों का वक़्त आता है तो टीम के नताइज मायूसकुन होते हैं। वसीम अकरम ने अपना हवाला देते हुए कहा कि जब वो पाकिस्तानी टीम का हिस्सा थे तब पाकिस्तान ने न्यूज़ीलैंड, आस्ट्रेलिया, वैस्ट इंडीज़ और इंगलैंड में फ़ुतूहात हासिल की थीं जिस की वजह से पाकिस्तान दुनिया की एक बेहतरीन टीम बनी थी।

वसीम अकरम समझते हैं कि हिंदूस्तानी टीम की मंसूबा बंदी और इस के लायेहा-ए-अमल में कोई पेचीदा मसला ज़रूर है।

हिंदूस्तान ने मज़ीद कहा कि खिलाड़ी बहैसीयत इन्फ़िरादी मुज़ाहिरों पर तवज्जा दे रही हैं और वो बहैसीयत इकाई मुज़ाहरा करने में नाकाम हैं । ये ताज्जुबख़ेज़ है कि ये वही टीम है जो कि चंद माह क़बल टेस्ट की नंबर एक टीम थी। सिडनी में हिंदूस्तानी टीम की शर्मनाक शिकस्त का हवाला देते हुए वसीम अकरम ने कहा कि हिंदूस्तानी टीम को यहां दूसरे ही दिन शिकस्त होगई थी जिस वक़्त रिकी पोंटिंग और माईकल क्लार्क रन बना रहे थे उस वक़्त हिंदूस्तानी खिलाड़ियों का मैदान पर बरताव मायूसकुन दिखाई दे रहा था।

टीम के सीनीयर खिलाड़ियों और जूनियर खिलाड़ियों के दरमयान ताल मेल का फ़ुक़दान भी दिखाई दे रहा है। सिर्फ सचिन तेन्दुलकर को ही अशांत शर्मा के साथ गुफ़्तगु करते देखा गया है जबकि धोनी और दीगर सीनीयर खिलाड़ियों को टीम में मौजूद नौजवान खिलाड़ियों के साथ तबादला-ए-ख़्याल करना चाहीए था।

अकरम ने मज़ीद कहा कि सिडनी टेस्ट् में जिस वक़्त आस्ट्रेलिया 37 रन पर ही अपने 3 विकेट गंवा चुका था उस वक़्त हिंदूस्तान के लिए सुनहरी मौक़ा था जिसे मेहमान टीम ने गंवा दिया और अगले ही 7, 8 ओवर्स में जब पोंटिंग और क्लार्क बैटिंग करने लगे तो हिंदूस्तानी बोलरों ने हथियार डाल दिये।