हिंदूस्तान, चीन के साथ हर शोबा में तआवुन का ख़ाहां

हिंदूस्तानी सफ़ीर निरूपमा ने कहा कि हिंदूस्तान एशिया पैसिफिक ख़ित्ता में चीन को यक्का-ओ-तन्हा करने के नज़रिया की हिमायत नहीं करता। वो इस मुल्क के साथ हर शोबा में तआवुन का ख़ाहां है। तिजारती ताल्लुक़ात को मज़ीद फ़रोग़ देने केलिए कोशिश की जा रही है ।

उन्होंने कहा कि एशिया पेसेफिक ख़ित्ता में अमेरीका को हमेशा एक ताक़तवर मुलक के तौर पर हिंदूस्तान ने तस्लीम किया है । ताहम चीन को यक्का-ओ-तन्हा करने की कोशिशों की हिंदूस्तान हिमायत नहीं करेगा बल्कि इस के साथ बेहतर ताल्लुक़ात को फ़रोग़ देगा । हम को चीन के साथ रवाबित पैदा करने की ज़रूरत है और इस में मज़ीद इज़ाफ़ा भी किया जाएगा ।

हिंदूस्तानी सफ़ीर बराए अमेरीका ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हिंदूस्तान की ख़ारिजी पालिसीयों में चीन के साथ बेहतर ताल्लुक़ात की पॉलीसी भी शामिल है। निरूपमा रा ने जो मोतमिद ख़ारिजा बनने से क़बल चीन में सफ़ीर हिंद की हैसियत से ख़िदमत अंजाम दी हैं, कहा कि हिंदूस्तान इस ख़ित्ता में हुक्मरानी की असास पर सेक्योरेटी ढांचा बनाने का ख़ाहां है।

चीन और इसके हमसाया ममालिक जैसे जापान , वैतनाम और फ़िलपाइन के दरमियान इलाक़ाई तनाज़आत को दूर किया जा सकता है लेकिन जब एशिया पैसिफिक केलिए सेक्योरेटी ढांचे का सवाल पैदा होता है तो हमारा एकान् है कि इस मसले को खुला छोड़ दिया जाना चाहीए और ये मसला बात चीत के ज़रीये भी हल किया जा सकता है।

निरूपमा ने कहा कि हिंदूस्तान अपनी तवज्जु एशिया पेसेफिक ख़ित्ता पर मर्कूज़ किए हुए है क्योंकि हिंदूस्तान भी इस इलाके का हिस्सा है। हम हमेशा एशिया पेसेफिक के ममालिक के साथ तारीख़ी ताल्लुक़ात रखते हैं। हिंद।अमेरीकी ताल्लुक़ात के बारे में पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि ये ताल्लुक़ात उस वक़्त हमा मक़सदी सतह पर पहुंचे हैं।

हिंदूस्तान और अमेरीका के बीच‌ ताल्लुक़ात हिक्मत-ए-अमली वाली शराकतदारी तक महिदूद हैं। दरहक़ीक़त सदर बारक ओबामा ने भी इसी जानिब निशानदेही की है।