हिंदूस्तान में इंसानी हुक़ूक़ की संगीन ख़िलाफ़वर्ज़ीयां

न्यूयार्क, ३० जनवरी (पी टी आई) हिंदूस्तान के इंसानी हुक़ूक़ रिकार्ड बराए 2011 पर आलमी इंसानी हुक़ूक़ ग्रुप ने शदीद तन्क़ीद की है और कहा है कि हिंदूस्तान में इंसानी हुक़ूक़ की संगीन ख़िलाफ़ वर्ज़ीयां हो रही हैं।

हकूमत-ए-हिन्द इंसानी हुक़ूक़ के तहफ़्फ़ुज़ में बुरी तरह नाकाम हो गई है। हिरासत में अम्वात, पुलिस ज़्यादतियां और हवालात में अज़ीयत के वाक़ियात में इज़ाफ़ा हुआ है।

पीर को जारी करदा आलमी रिपोर्ट में बताया गया है कि सिक्योरिटी अफ़्वाज की जानिब से ज़्यादतियों का सिलसिला जारी है, ख़ास तौर पर जम्मू-ओ-कश्मीर और शुमाल मशरिक़ी रियास्तों में इंसानों पर मज़ालिम ढाए जा रहे हैं। इंसानी हुक़ूक़ नगर इनकार इदारा ने हकूमत-ए-हिन्द पर तन्क़ीद की है कि इस ने मुतनाज़ा मुसल्लह अफ़्वाज क़ानून को वापस लेने में अदम कारकर्दगी का मुज़ाहरा किया है और ये हुकूमत शाम जैसे ममालिक में संगीन ज़ुलम-ओ-ज़्यादतियों पर भी ख़ामोशी इख़तियार की हुई है।

अपनी आलमी रिपोर्ट 2012में इंसानी हुक़ूक़ नगर इनकार इदारा (ऐच आर ड्ब्लू) ने गुज़श्ता एक साल के दौरान 90 मुल्कों में इंसानी हुक़ूक़ का जायज़ा लिया है। हिंदूस्तान के मुआमले में इस इदारा का कहना है कि उसे इंसानी हुक़ूक़ के लिए हकूमत-ए-हिन्द की लापरवाहियों पर अफ़सोस है। शहर की असास पर काम करनेवाली तंज़ीम के एशियाई डायरेक्टर ब्रॉड एडम्स ने कहा कि हकूमत-ए-हिन्द ने ख़ाती सिपाहीयों पर मुक़द्दमा चलाने के लिए सिर्फ चंद क़दम उठाए हैं, जब कि उसे पुलिस इस्लाहात लाने के लिए एक ठोस क़दम उठाने की ज़रूरत थी, ताकि अज़ीयत के वाक़ियात को ख़तन किया जा सके।

बैन-उल-अक़वामी सतह पर हिंदूस्तान अक़वाम-ए-मुत्तहिदा सलामती कौंसल और इंसानी हुक़ूक़ कौंसल में एक लीडर का मुक़ाम हासिल करने के मौक़ा से महरूम हो गया है। वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने मुसल्लह अफ़्वाज की जानिब से ज़ुलम-ओ-ज़्यादतियों को बर्दाश्त ना करने का ऐलान किया था, लेकिन अज़ीयत रसानी और ज़ुलम-ओ-ज़्यादती करने वाले अब भी आज़ाद हैं। माविस्टों की जानिब से भी इंसानों का क़त्ल और ज़बरदस्ती रक़ूमात की वसूली का अमल जारी है।