हिंदूस्तान में करप्शन और काले धन का मसला इंतिहाई संगीन

बीदर, १३ दिसम्बर:( सियासत डिस्ट्रिक्ट न्यूज़ ) जनाब मुहम्मद आसिफ़ उद्दीन जमात-ए-इस्लामी हिंद बीदर ने कहा कि सरमाया दाराना निज़ाम और समाजी तबक़ात फ़ाशिस्त ताक़तों के हमनवा बन कर काम कर रहे हैं तीवनस जैसे मुल्कों का इन्क़िलाब दरअसल इस लिए आया था इस मुल्क् के हुकमरानों और निज़ाम के ख़िलाफ़ लोग उठ खड़े हुए थे जिस के नतीजा में दुनिया ने एक तबदीली को देखा । मौसूफ़ मुमताज़ फंक्शन हाल बीदर में मुनाक़िदा जमात-ए-इस्लामी हिंद कर्नाटक की मुहिम बुराईयों से पाक समाज के एक इजलास को मुख़ातब कर रहे थे ।

उन्हों ने कहा कि हिंदूस्तान में करप्शन हर सतह पर है और कुरप्शन के एतबार से हिंदूस्तान दुनिया भर में चौथे नंबर पर है । जमात-ए-इस्लामी हिंद करप्शन के ख़िलाफ़ उठने वाली तहरीकात की ताईद करती है और मुस्तक़बिल में भी करती रहेगी । लेकिन ये मसला का हल नहीं है ।करप्शन और काले धन का मुआमला बहुत आगे बढ़ चुका है । मुल्क में वुज़रा के ऐश-ओ-आराम क़दीम ज़माने के बादशाहों के ऐश को मात दे चुके हैं ।

उन्हों ने बताया कि 14056 लाख करोड़ रूपियों का काला धन सोइज़ और दीगर बैंकों में जमा है । अगर ये पैसा मुल्क में वापिस आजाए तो आइन्दा 20 साल तक मुल्क् को मुफ़्त बर्क़ी सरबराही मिलेगी। हर गावों को यक़ीनी तौर पर 100 करोड़ रुपय इमदाद हासिल होगी। पैट्रोल की क़ीमत फ़ी लीटर 25 रुपय हो जायेगी जबकि दूध 8 रुपय फ़ी लीटर फ़रोख़त होगा । आसिफ़ उद्दीन ने मज़ीद बताया कि इस रक़म से 2000 मुफ़्त सहूलत वाले हॉस्पिटल तामीर किए जा सकते हैं । ये सच्च है कि यहां रिश्वत लेने वाला पकड़ा जाता है जबकि रिश्वत देने वाला इस से ज़्यादा क़सूरवार है । इस के लिए कोई क़ानून नहीं है । आसिफ़ उद्दीन ने अनाहज़ारे तहरीक की ख़ामी बतलाते हुए कहा कि रिश्वत को एक जुर्म और गुनाह के तौर पर मुतास्सिरा में मुतआरिफ़ करवाया जाय और बताएं कि रिश्वत देना भी जुर्म है । मुल़्क की सूरत-ए-हाल ये है कि मामूली ट्रक ड्राईवर्स चुंगी नाका पर जो 40 , 50 रूपियों की शक्ल में रिश्वत देते हैं वो सालाना 1400 सौ करोड़ रूपियों तक जा पहूँची है ।

दुनिया के जिन ममालिक में इन्क़िलाब आया वहां हुकमरान और ब्यूरोकेट्स ही करप्ट थे मगर हिंदूस्तान में हुकमरान , लीडर , ब्यूरोक्रेट्स साहिब और चपरासी तमाम करप्ट हैं । यहां तबदीली केलिए नए सिरे से ग़ौर करने की ज़रूरत है ।आसिफ़ उद्दीन ने सिलसिला तक़रीर जारी रखते हुए कहा कि हिंदूस्तान में कुरप्शन का फ़ोकस हुकमरान और ब्यूरोक्रेट्स हैं जबकि मुनादिर ,मसाजिद , दरगाहों , चर्चों , तालीमी इदारा जात और कारपोरेशन सैक्टर में मौजूद करप्शन को बाहर लाने की ज़रूरत है।मौसूफ़ ने तकनीकी बात बताते हुए कहाकि 1700करोड़ रुपय का रियासत को नुक़्सान पहूँचाने केलिए 10 करोड़ रुपय वज़ीर-ए-आला के रिश्वत लेने की बात सामने आई है । ये वज़ीर-ए-आला दस करोड़ केलिए जेल जाएगा और वो लोग जो रिलाइंस और टाटा जैसी कंपनीयां चला रहे हैं जिन के माइनिंग के कारोबार हैं पकड़ने वाला कोई नहीं । उन्हों ने कहा कि सिर्फ सियासत वालों और ब्यूरो क्रेटस को गिरफ़्तार करना मसला का हल नहीं है जब तक कि आदमी ख़ुदा से ना डरे कुछ नहीं होगा । चुनांचे जमात-ए-इस्लामी इस सिम्त में काम कर रही है और बताना चाहती है कि सरकार हटाने या क़ानून बनाने से कुरप्शन का मसला हल नहीं होगा । प्रोग्राम का आग़ाज़ जनाब मुहम्मद निज़ाम उद्दीन प्रिंसिपल के दरस क़ुरआन से हुआ ।मौसूफ़ ने बताया कि आख़िरत पर ईमान रखने वालों की ज़िंदगी और उन के आमाल में वाज़िह फ़र्क़ होना चाहीए ।

अगर हम नहीं बदलना चाहें तो हज़ार लोक पाल और जिन लोक बल हम को बदल नहीं सकते और जो लोग ख़ुदाई अहकाम को मान कर ज़िंदगी करते हैं इन केलिए नेअमतों भरी जन्नतें हैं। जहां ऐसी शराब होगी जिस से इंसान के होश में फ़र्क़ नहीं आएगा । तसनीम की आमेज़िश इस शराब में होगी । जनाब ता कलीमउल्लाह ने निज़ामत के फ़राइज़ अंजाम दिए । मसरस मुहम्मद फ़हीम उद्दीन रुकन शौरी जमात-ए-इस्लामी हिंद कर्नाटक , मुहम्मद मुअज़्ज़म अमीर जमात-ए-इस्लामी हिंद बीदर , मुहम्मद आरिफ़ उद्दीन नायब अमीर वग़ैरा इस मौक़ा पर मौजूद थे । मर्द-ओ-ख़वातीन की कसीर तादाद ने शिरकत की।