हिंदूस्तान में मज़ीद ( और) 10 दहशतगर्द ( आतंकवादी) हमलों का मंसूबा

लश्कर-ए-तयबा कारकुन और 26 नवंबर के मुंबई दहशतगर्द हमला के हिदायतकार अबू ज़िंदाल ने इन्किशाफ़ ( ज़ाहिर) किया कि दहशतगर्द तंज़ीम ( संघठन) लश्कर-ए-तयबा ने पूरे हिंदूस्तान में कम अज़ ( से) कम मज़ीद ( और) 10 हमलों का मंसूबा बनाया था, जिस के लिए इस ने शिरकत करने पर आमादगी ( अनुमति) ज़ाहिर की थी।

पुलिस के बमूजब ( मुताबिक) अबू ज़िंदाल ने ये भी एतराफ़ किया कि वो लश्कर-ए-तयबा का एक सरगर्म कारकुन है। एक सीनीयर पुलिस ओहदेदार ने कहा कि हालाँकि मुक़द्दमा के बमूजब ( मुताबिक) अबू ज़िंदाल लश्कर-ए-तयबा का कारकुन है और इस ने 26 नवंबर के हमला में सरगर्म किरदार अदा किया था, लेकिन दहशतगर्द तंज़ीम ( संघटन) का तफ़तीश के दौरान रुकन ( सदस्य) होने का एतराफ़ बहुत नुमायां तबदीली है।

31 साला मुश्तबा दहशतगर्द ने दावा किया था कि लश्कर-ए-तयबा ने कम अज़ ( से) कम मज़ीद ( और) 10 हमले मुल्क गीर सतह पर करने का मंसूबा बनाया गया था जो आइन्दा चंद साल में मुम्किन थे। इस ने कहा कि वो इन तमाम हमलों में शिरकत करना चाहता था हालाँकि वो एहदाफ़ से वाक़िफ़ नहीं था।

ओहदेदार ने कहा कि अबू ज़िंदाल की लश्कर-ए-तयबा के कारकुन से पहली मुलाक़ात 2005 में तिवा होटल औरंगाबाद में हुई थी। ताहम ( यद्वपी) इस कारकुन के नाम और दीगर ( अन्य) तफ़सीलात का उन्होंने इन्किशाफ़ ( ज़ाहिर) नहीं किया। इस के बाद अबू ज़िंदाल ने 2006 को औरंगाबाद में असलाह ( हथियायो) का ज़ख़ीरा ( भंडार) करने में शिरकत की थी।

अहल हदीस के इंतिहाई इंतिहा-ए-पसंद नज़रियात से वाज़िह तौर पर शायद अबू ज़िंदाल ने आख़िर-ए-कार 2003 में इस फ़िर्क़ा में शमूलीयत इख़तियार कर ली थी। अबू ज़िंदाल को 21 जुलाई को गिरफ़्तार करके 21 नवंबर दहशतगर्द हमला मुक़द्दमा में मुंबई मुंतक़िल किया गया था जहां उसे एक और मुक़द्दमा के सिलसिला में गिरफ़्तार कर लिया गया।

वो दीगर मुक़द्दमात के सिलसिला में भी मतलूब है जैसे कि 2010 के जर्मन बेकरी धमाका मुक़द्दमा और नासिक पुलिस एकेडमी पर हमला का मंसूबा , ताहम उन मुक़द्दमात के सिलसिला में उसे दहशतगर्द हमला में पुलिस की इस से तफ़तीश के बाद ही उसे तहवील में दिया जाएगा।