हिंदूस्तान सलामती कौंसिल में श्री लंकाई तमिलों पर तहरीक पेश करें :एसेंबली

चेन्नाई 28 मार्च : श्री लंकाई तमिल बाशिंदों के मुआमले पर यू पी ए हुकूमत पर दबाव‌ में इज़ाफ़ा करते हुए हुकूमत तामिलनाडू ने आज माँग‌ किया कि हिंदूस्तान को अक़वाम-ए-मुत्तहिदा(u n o) की सलामती कौंसिल में अलहदा तामिलौ के लिए रेफ़रंडम कराने एक तहरीक पेश करनी चाहिए और श्री लंका को दोस्त मुल्क कहने का सिलसिला बंद करना चाहिए ।

तामिलनाडू एसेंबली ने मुत्तफ़िक़ा तौर पर एक क़रारदाद को मंज़ूर करते हुए मर्कज़ी हुकूमत से ख़ाहिश की कि वो श्री लंका के साथ मआशी ताल्लुक़ात ख़त्म करे और ये उस वक़्त तक बहाल नहीं होने चाहिए जब तक तमिल बाशिंदों की हक़तलफ़ी का सिलसिला रुक नहीं जाता ।

अलावा अज़ीं जो लोग जंगी जराइम में सामिल‌ हैं उन्हें बैन-उल-अक़वामी तहक़ीक़ात का सामना भी करना होगा । तहरीक पेश करते हुए वज़ीर-ए-आला जय ललीता ने कहा कि तलबा के जारी एहतिजाज से इस बात की अक्कासी होजाती है कि उनकी हुकूमत श्री लंकाई तमिल बाशिंदों के लिए क्या चाहते है जबकि दूसरी तरफ़ जय ललीता ने तलबा से एहतिजाज ख़त्म करते हुए क्लासेस में शिरकत करने की दरख़ास्त की ।

जय ललीता ने मर्कज़ और डी एम के के ख़िलाफ़ एक महाज़ खोलते हुए उन पर इल्ज़ाम आइद किया कि वो 2009-ए-में जंग बंदी को यक़ीनी बनाने में उस वक़्त नाकाम होगए थे जब श्री लंका में लड़ाई अपने शबाब पर थी । उन्होंने करूणानिधि पर इस मुआमले में दोहरा मेयार इख़तियार करने का इल्ज़ाम आइद किया और कहा कि अवाम भी इसके बारे में बख़ूबी जानते हैं ।

जय ललीता के इस रिमार्क पर डी एम के अरकान की जानिब से ज़बरदस्त एहतिजाज भी किया गया था । यहां इस बात का तज़किरा बेजा ना होगा कि श्री लंका में तमिल बाशिंदों को दूसरे दर्जे का शहरी बनादिया गया है और उनकी हालत-ए-ज़ार पर बैन-उल-अक़वामी सतह पर कोई कोशिश नहीं हो रही है ।

उल्टे एल टी टी ई के साथ जब श्री लंकाई फोर्सेस की जंग ओरूज पर थी उस वक़्त भी कई तमिल शहरियों की हलाकत हुई थी जिस पर हुकूमत तमिलनाडू की जानिब से एक अर्से एहतिजाज का सिलसिला जारी है ।