वाशिंगटन । अमेरीका के एक अहम ओहदेदार ने कहा हैकि अगरचे हिंदूस्तान और अमेरीका हिक्मत-ए-अमली के शोबे में एक दूसरे से बहुत क़रीबी तौर पर सरगर्म होचुके हैं, लेकिन इस नजदीकी के बावजूद अमेरीका हरगिज़ ये भरोसा नहीं कर सकता कि हिंदूस्तान हमेशा ही इस (अमेरीका) की तक़लीद करेगा और वोशिंगटन इस ज़िमन में नई दिल्ली की हिक्मत-ए-अमली पर मबनी ख़ुदमुख़तारी को मानता है।
अमेरीकी नायब वज़ीर-ए-ख़ारजा(विदेशमंत्री) बरा ए जुनूब ओर वस्त एशीया राबर्ट ब्लैक ने वाशिंगटन में वाके बावक़ार मुफ़क्किर इदारे से बतचित करते हुए कहा कि अमेरीका और हिंदूस्तान 21 वीं सदी के हालात और मस्लों पर काफि हद तक अपना असर डाल सकते हैं।
मिस्टर ब्लैक ने जो कार्नेगी इंडो मिनट बराए बैन-उल-अक़वामी अमन से बातचित कर रहे थे, कहा कि हिंद । अमेरीकी हिक्मत-ए-अमली बातचित 13 जून को तय हैं। अमेरीकी वज़ीर-ए-ख़ारजा(विदेशमंत्री) हीलेरी क्लिन्टन और उन की हिन्दूस्तानी हम मंसब एस एम कृष्णा इस बातचित की मिल कर सदारत करेंगे।
हिक्मत-ए-अमली पर बातचित के तहत दोनों हुकूमतें इस साल पोलिसी के इंतिहाई अहम और हस्सास शोबों पर मालूमात का तबादला करेंगे। मिस्टर ब्लैक ने कहा कि हिक्मत-ए-अमली कि बातचित में हिंदूस्तान को क़रीब से क़रीबतर कर दिया है दोनों मुल्कों के कारोबारी ताल्लुक़ात में भी बेहतरी हुई है।फिरभि मिस्टर ब्लैक ने एतराफ़ किया कि हिंदूस्तान के साथ हिक्मत-ए-अमली कि बातचित दुरसे मुलकों से काफ़ी अलग और जुदा हैं क्योंकि अमेरीका इस बात को मानता हैकि हिंदूस्तान से तमाम अमेरीकी अंदाज़ फ़िक्र और पोलिसी की तक़लीद की उम्मिद नहीं की जा सकती।