अमेरीकी हुक्काम ने हिंदूस्तान के साथ मिल कर काम करते हुए पाँच कांस्य की मूर्तियां ज़ब्त कर लिए, जिन में पार्वती देवी की कई मिलीयन डालर की क़दर वाली एक नादिर मूर्ती शामिल है , जो तमिलनाडू की मंदिरों से चोरी किए गए और मुबय्यना तौर पर नादिर अशीया के एक हिंदूस्तानी स्मगलर की जानिब से फ़रोख्त किए गए थे।
पार्वती की मूर्ती जो हिंदूस्तान की सक़ाफ़्ती मिल्कियत है, ऐसी कई अशीया में से एक है जो तमिलनाडू की मंदिरों से सरका की गईं और बताया जाता है कि हिंदूस्तानी स्मगलर सुभाष कपूर की जानिब से फ़रोख्त कर दिए गए, जिसे अब हिंदूस्तान में फ़ौजदारी इल्ज़ामात का सामना है।
यू एस इमिग्रेशन ऐंड कस्टम्ज़ इंफोर्समेंट की होमलैंड सेक्योरिटी इंवेस्टीगेसन से वाबस्ता स्पेशल एजेंट्स ने यू एस कस्टमज़ ऐंड बॉर्डर प्रोटेक्शन के तआवुन से बंदरगाह नेवार्क में तमिलनाडू से मस्रूक़ा कांसा की पार्वती मूर्ती और चार दीगर कांसा की मूर्तियां ज़ब्त कर लिए जिन की मालियत का तख़मीना ज़ाइद अज़ 5 मिलीयन अमेरीकी डालर लगाया गया है।
ये एजेंटस हकूमत-ए-हिन्द, इंटरपोल और दफ़्तर मैनहटन डिस्ट्रिक्ट अटार्नी के तआवुन से काम कर रहे थे। सुभाष कपूर के ताल्लुक़ से एक इंटरपोल रेड नोटिस में चौकस किया गया था और उसे अवाख़िर 2011 में जर्मनी में फ़्रैंकफ़र्ट इंटरनैशनल एयरपोर्ट में गिरफ़्तार किया गया था।
इसे हवालगी मुजरिमीन मुआहिदा के तहत फ़ौजदारी इल्ज़ामात का सामना करने के लिए रवां साल जुलाई में हिंदूस्तान लाया गया। न्यूयार्क में हिंदूस्तान के कौंसिल जनरल प्रभु दयाल ने अमेरीकी कार्रवाई की सताइश की है।